कारीगरी प्रदर्शनी: भारतीय कला और संस्कृति का संगम

   


नई दिल्ली: – राष्ट्रीय राजधानी के दिल कहे जाने वाले जनपथ स्थित नेशनल सेंटर फॉर हेरिटेज टेक्सटाइल (हैंडलूम हाट) में “कारीगरी: प्रदर्शनी” का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह प्रदर्शनी भारत के विभिन्न प्रांतों के हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पादों की उत्कृष्टता का अद्वितीय प्रदर्शन है। इस आयोजन का सूत्रपात अंबपाली हस्तकरघा और हस्तशिल्प बहुराज्यीय सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य भारतीय कारीगरों की सृजनशीलता को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाना है। आयोजक संस्था की अध्यक्ष अर्चना सिंह ने बताया कि “भारतीय हैंडलूम इंडस्ट्रीज हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। यह न केवल लाखों कारीगरों के जीवन-यापन का आधार है, अपितु हमारी सभ्यता और संस्कृति का जीवंत स्वरूप भी है। ऐसे आयोजन इस उद्योग को प्रोत्साहन देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साथ ही उन्होंने कहा, “भारतीय हैंडीक्राफ्ट्स अपनी अद्वितीयता और गुणवत्तापूर्ण कृतियों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। ‘कारीगरी’ जैसे आयोजन कारीगरों को प्रोत्साहित करते हैं और उनके उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहुँचाने का माध्यम बनते हैं।” उन्होंने कहा, “कारीगरों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना एवं उन्हें नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण देना समय की आवश्यकता है। इस प्रदर्शनी में भारत के विभिन्न राज्यों जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, और आंध्र प्रदेश से आए कारीगरों द्वारा अपने उत्कृष्ट उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है। इनमें बनारसी साड़ी, कांचीपुरम सिल्क, राजस्थान के ब्लॉक प्रिंट, कश्मीर के पश्मीना शॉल, मध्य प्रदेश के चंदेरी एवं महेश्वरी वस्त्र, उत्तर-पूर्व के बाँस हैंडीक्राफ्ट, खाद्य पदार्थों से संबंधित उत्पाद एवं अन्य हस्तनिर्मित कृतियाँ सम्मिलित हैं। प्रदर्शनी में 60 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें हैंडीक्राफ्ट्स, हैंडलूम्स एवं एग्रो प्रोडक्ट्स का समावेश है। दर्शकों में इन उत्पादों के प्रति विशेष उत्साह देखा जा रहा है। यह प्रदर्शनी 9 जनवरी 2025 तक प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से शाम 8 बजे तक निःशुल्क जनसामान्य के लिए खुली रहेगी। प्रदर्शनी में हर दिन देश की विविधता को दर्शाते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है। ‘कारीगरी’ प्रदर्शनी भारतीय हैंडीक्राफ्ट्स एवं हैंडलूम्स उद्योग के गौरव का जीवंत प्रतिबिंब है। यह न केवल कारीगरों को मंच प्रदान करती है, अपितु दर्शकों को भारतीय कला और संस्कृति के निकट लाने का प्रयास भी करती है। इसके साथ ही नियमित रूप से यहां प्रतिदिन “संयम संवाद फाउंडेशन” के सहयोग से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जा रहे हैं। वहीं, बच्चों के मनोरंज के लिए झूलों का भी इंतजाम है!

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