मेरठ। – मंगलवार को उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के अन्तर्गत श्री अन्न-मिलेट्स कार्यक्रम की कार्यशाला गोष्ठी का आयोजन भामाशाह पार्क (विक्टोरिया पार्क) मेरठ महोत्सव में किया गया। गोष्ठी/मेले में भारी संख्या में कृषकों द्वारा प्रतिभाग कर श्री अन्न-मिलेट्स कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिको के विचार सुने। गोष्ठी कार्यशाला में वकाओं द्वारा उपस्थित कृषको को श्री अन्न-विलेट्स कार्यक्रम को अपनाने एवं मोटे अनाज का उत्पादन करने के सम्बन्ध में अगकत कराया गया। मिलेट्स कार्यक्रम में मिलेट्स से तैयार रेसिपी की विभिन्न स्टाल भी लगाये गये। बीना यादव वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र हस्तिनापुर द्वारा व्यार बाजारा रानी, सामा, कोदी की खेती करने मोटे अनाज का उत्पादन करने के सम्बन्ध में कृषको को जागरूक किया गया, अवगत कराया गया कि अपने दैनिक मौजन में मिलेट्स को सम्मिलित कर विभिन्न बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। क्योकि मिलेट्स समस्त पोषक तत्वों से भरपूर होते है। डा0 सत्यवीर सिंह सिरोही, सेवा निवृत्त, संयुक्त निदेशक नियोजन विभाग द्वारा मोटे अनाज का उत्पादन करने की तकनीकी कृषि में विविधिकरण कर आय दोगुनी करने, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई। डा0 मनोज त्रिपाठी प्रधान वैज्ञानिक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान भोपाल (मध्य प्रदेश) द्वारा अवगत कराया गया कि मिलेट्स फसलों को कम उर्वरक कम पानी, तथा मौसम की विपरीत परिस्थितियों में भी आसानी से उगाया जा सकता है। मिलेट्स में विटामिन, कार्बोहाइड्रेट एवं दैनिक जीवन हेतु आवश्यक समस्त पोषक तत्व भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। वर्ष 2023 को अन्तराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाकर भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से विभिन्न सुविधायें उपलब्ध कराकर कृषको को मिलेट्स फसलों को उगाने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। कृषको से मोटे अनाज यथा- बाजरा, ज्वार, सावा, कोदो, रागी रामदाना आदि की फसलों उगाने एवं दैनिक भोजन में शामिल करने के सुझाव दिये गये। डा० त्रिपाठी द्वारा सर छोटू राम इंजीनियरिंग कालेज परिसर में आयोजित तीन दिवसीय विराट किसान मेले में भी कृषको सम्बोधित किया गया। तीन दिवसीय विराट किसान मेले में आई०आई०एफ०एस०आर० मोदीपुरम मेरठ के प्रधान वैज्ञानिक डा0 चन्द्रभानु द्वारा समसामयिक फसलों यथा गेहूँ, सरसों, चना मटर आदि के उत्पादन वृद्धि हेतु नवीनतम तकनीकी एवं कीट रोग नियंत्रण के विषय में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गयी। गन्ने की फसल में लगने वाले प्रमुख लाल राडन रोग के प्रबन्धन हेतु प्रमुख प्रजाति सी०ओ० 0238 के स्थान पर अन्य नवीन संस्तुत प्रजातियों को उगाने तथा प्रमुख कीट टोप बोरर से बचाव हेतु ट्राईकोगार्ड लगाने का सुझाव दिया गया। विरोट मेले में लगे इफको के स्टाल द्वारा कृषको ड्रान का प्रदर्शन दिखाया गया। डा० राकेश तिवारी वैज्ञानिक के०वी० के० हस्तिनापुर द्वारा प्राकृतिक खेती करने एवं मृदा परीक्षण की संस्तुतियों के अनुसार सन्तुलित उर्वरकों का प्रयोग करने का अनुरोध किसानो से किया। राजीव कुमार सिंह जिला कृषि अधिकारी मेरठ द्वारा मिलेटस कार्यक्रम का संचालन तथा श्री विकास कुमार पंवार, विषय वस्तु विशेषज्ञ द्वारा तीन दिवसीय विराट किसान मेले में आयोजित कार्यक्रम का संचालन किया गया।
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