केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि की गिनती आत्मनिर्भरता की दृष्टि से ‘‘ महत्वपूर्ण क्षेत्रों’’ में करते हुए मंगलवार को कहा कि ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सोच देश को समृद्ध और शक्तिशाली बनाएगी। ‘आत्मानिर्भर भारत’ पर सिम्बायोसिस स्वर्ण जयंती व्याख्यान श्रृंखला में गडकरी ने कहा, ‘‘हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत’ (आत्मनिर्भरता) को लागू करने के लिए नीतियों को तैयार करने की आवश्यकता है। गडकरी ने कहा कि यह केवल सरकारों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों की सामूहिक जिम्मेदारी भी है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने भी हर क्षेत्र के लिए एक दृष्टि पथ बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि दो ऐसे क्षेत्र हैं जो ‘आत्मानिर्भरता’ के लिए महत्वपूर्ण हैं और हमें इन पहलुओं पर एक दृष्टिकोण के साथ काम करना होगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि ‘आत्मनिर्भरता’ का मुख्य स्तंभ है क्योंकि जब ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि समृद्ध होगी तो ग्रामीण भारत भी समृद्ध होगा।’’ मंत्री ने कहा कि छोटे स्थानों, गांवों, किसानों और अन्य लोगों को मजबूत करने से भारत आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने आयात को कम करने और निर्यात का संवर्द्धन करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। गडकरी ने कहा, ‘‘हमें उन विकल्पों का पता लगाने की जरूरत है, जो आयात का विकल्प हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, हम कच्चे तेल का आयात करते हैं, लेकिन हमारे किसान गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन करके एक विकल्प प्रदान कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि रोजगार पैदा करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के कई विकल्पों का फायदा उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय ने अगले दो वर्षों में ग्रामीण उद्योग के कारोबार को 80,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘इस टर्नओवर को बढ़ाने के लिए जैव इंधन, बायोडीजल, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जैविक खेती और ग्रामीण क्षेत्र में कई अन्य विकल्प मौजूद हैं।’
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