गुलावठी में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती




गुलावठी – सैनी समाज सोसाइटी रजि0 के तत्वाधान में चन्द्रपाल सिंह सैनी भगत जी के आवास पर महान समाज सुधारकए समाजसेवीए लेखक और क्रांतिकारी महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला बुलन्दशहर के सैनी समाज के जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश सैनी रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता चन्द्रपाल सैनी भगत जी ने की तथा संचालन इंजीनियर रजनीश सैनी व परमानन्द सैनी ने संयुक्त रूप से किया। सैनी समाज के लोगो ने महात्मा ज्योतिबा फुले के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवजित कर एवं पुष्प अर्पित कर उनके आदर्शो पर चलने का संकल्प लिया। समाज के लोगो को सम्बोंधित करते हुए मुख्य अतिथि ओमप्रकाश सैनी ने कहा कि बच्चो की शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चाहे आधी रोटी खायें लेकिन अपने बच्चो को जरूर पढ़ायें। उन्होंने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले भारत के प्रमुख समाज सुधारकों में से एक थे। उन्होंने छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ आवाज उठाई और कमजोर वर्गों को आगे बढ़ाने के लिए काम किया। साथ ही उन्होंने किसानों और मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए भी आंदोलन चलाया। उन्होंने समाज में शिक्षा और संगठित रहने पर भी जोर दिया। भाजपा के मण्डल अध्यक्ष राजीव सैनी ने कहा कि हमे महात्मा ज्योतिबा फुले जीवन व आदर्शों को याद करते हुए हमें उनको अपनाना चाहिए। जन कल्याण का भाव हमेशा आपसी प्रेम व सौहार्द की नींव रहा है। हमारे बुजुर्गों ने हमेशा यही सीख दी है कि जितना अधिक हम समाज को आपस में जोड़ेंगेए किसी जरूरतमंद व गरीब व्यक्ति की सहायता करेंगे तो उतनी ही राष्ट्र की उन्नति होगी। डाॅ रतनलाल सैनी ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले दलितोंए पिछड़ों के मसीहा थे। उन्होंने दलितोंए पिछड़ों को शिक्षा का अधिकार दिलाया। अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को भारत की प्रथम महिला शिक्षिका बनाकर नारी शिक्षा की अलख जगाई। अनेकों पाठशाला खोली तथा सत्यशोधक समाज की स्थापना की। खुर्जा के आये राजीव सैनी ने कहा कि युवाओं को आगे आकर महात्मा ज्योतिबा फुले व सावित्रीबाई फुले के जीवन से शिक्षा ग्रहण करना चाहिए तथा उनके बताए मार्ग को जीवन में अपनाना चाहिए। खुर्जा के आये गौतम सैनी ने कहा कि समाज में फैली कुप्रथा को समाप्त करने में युवा अपना योगदान दें। इस मौके परए रवि सैनीए सतेन्द्र सैनीए सतीश सैनीए योगेन्द्र सैनीए सोनू सैनीए गौतम सैनीए विशनस्वरूप सैनीए नरेश सैनी भगत जीए योगेश सैनीए केशव राम सैनीए सनी सैनीए रामचन्द्र सैनीए हरिशचन्द्र सैनीए ललित सैनीए विशम्बर सैनीए पूरन सैनीए भारत सैनीए कृष्णपाल सैनीए प्रमोद सैनीए ज्ञानी सैनीए गौतम सैनीए गुड्डू सैनीए राकेश सैनीए सीताराम सैनीए नीरज सैनीए राजिन्द्र सैनी आदि मौजूद रहे।