जिला खाद्य विपणन अधिकारी की क्यों इन पर मेहरबानी

PU

सुलतानपुर। मामला विकास खण्ड कुड़वार अन्तर्गत खाद्य विभाग द्वारा संचालित राजकीय धान क्रय केन्द्र का है।जहां दिनांक 25 नवम्बर को धान क्रय केन्द्र विपणन निरीक्षक कक्ष में सन्नाटा देखने को मिला। तो बैनर पर अंकित विपणन निरीक्षक के सीयूजी नंबर पर फोन किया गया तो स्विच आफ मिला। क्षेत्रीय विपणन अधिकारी के सीयूजी नंबर पर फोन किया गया तो बताया कि मैं पहले उक्त धान क्रय केन्द्र पर क्षेत्रीय अधिकारी था अब मेरी डियुटी विकास खण्ड कूरेभार अन्तर्गत राजकीय धान क्रय केन्द्र पर खरीद करने के लिए लगी है। उक्त बैनर पर यदि मेरा नंबर नाम पद अब भी अंकित है,तो वह नियम संगत नहीं है।उतने में उक्त क्रय केन्द्र पर नियुक्त विपणन सहायक बृजेश कुमार आ गये।जब उनसे यह पूछा गया कि इस समय धान खरीद का महत्वपूर्ण समय चल रहा है, आप लोग कुर्सी छोड़कर नदारद हैं।आपका विपणन निरीक्षक कहाँ है।तो बताया कि विपणन निरीक्षक आज अवकाश पर हैं,और जब यह पूछा गया कि लिखित या मौखिक अवकाश पर हैं तो बताया कि अवकाश पत्र हमारे मोबाइल व्हाट्सएप पर अपने घर से भेजें है। जब उसका अवलोकन किया गया तो देखा गया कि उस पर जिला खाद्य विपणन अधिकारी का न तो हस्ताक्षर और न ही संस्तुति है। इसको अवकाश समझा जाय या मनमानी। इस बावत जब प्रभारी जिला खाद्य विपणन अधिकारी से फोन पर वार्तालाप किया गया तो वो उनके शुभचिंतक नजर आये। उन्होंने बताया कि उनकी तबियत बहुत खराब है, जिसके चलते वह आज नहीं आये हैं।जब उनसे यह बताया गया कि मौके पर मौजूद विपणन सहायक व्हाट्सएप पर एक अवकाश पत्र दिखा रहे है ।जिस पर अंकित है कि वह किसी तेरहवीं संस्कार में परिवार सहित सम्मिलित होने के लिए पत्र दिये है।जिस पर आपकी संस्तुति/हस्ताक्षर नहीं है और आप यह कह रहे हैं कि उनकी तबियत बहुत ज्यादा खराब है ।जिसके चलते छुट्टी पर गये है तब महोदय गिरगिट की तरह अपना रंग बदलते हुए बोले फिर वह तेरहवीं में गये होगें।सोचने का विषय यह है कि यदि तबियत बहुत ज्यादा खराब थी।तो तेरहवीं में कैसे सम्मिलित हुए।इसको क्या समझा जाय विपणन निरीक्षक की मनमानी या जिला खाद्य विपणन अधिकारी की खुब मेहरबानी।यदि सूत्रों की माने तो ज्यादातर यही रवैया रहता है।क्रय केन्द्र पर आने वाले किसानों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

Please follow and like us:
Pin Share