सरकार ने सुनी पत्रकारों की आवाज: पेंशन से लेकर इलाज तक मांगों पर बनी सहमति, जल्द होंगे समाधान

लखनऊ । आम पत्रकारों की वर्षों पुरानी मांगों को लेकर सरकार ने बड़ा सकारात्मक रुख दिखाया है। 25 जून को प्रस्तावित पत्रकारों के धरने से ठीक पहले उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री श्री सुरेश खन्ना से पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा में मुलाकात कर व्यापक चर्चा की। इस दौरान पत्रकारों की पेंशन योजना, स्वास्थ्य उपचार, आकस्मिक सहायता और आवास जैसी महत्वपूर्ण मांगों पर ठोस सहमति बनी।

वित्त मंत्री ने पीजीआई में पत्रकारों के इलाज के लिए रिवॉल्विंग फंड की तत्काल स्वीकृति देने के निर्देश जारी किए। साथ ही संबंधित शासनादेश में संशोधन के लिए भी जरूरी निर्देश दिए गए। इसी के तहत सूचना निदेशक द्वारा 25 जून को लोक भवन में पत्रकारों के साथ बैठक आयोजित की गई, जो बेहद सकारात्मक और समाधानकारी रही।

बैठक के प्रमुख निर्णयों में शामिल हैं:

पेंशन योजना – राज्य मुख्यालय के 62 और जनपद स्तर के 86 पत्रकारों की सूची लगभग तैयार, 1 जनवरी से पेंशन शुरू करने की तैयारी।
स्वास्थ्य उपचार – पीजीआई में इलाजरत पत्रकारों के लिए 24 लाख की राशि स्वीकृत, वरिष्ठ पत्रकार प्रद्युम्न त्रिपाठी के लिए 2 लाख की विशेष स्वीकृति।
शासनादेश संशोधन – पत्रकार कार्ड के आधार पर खर्च की गई धनराशि को मान्यता देने पर सहमति।
नोडल अधिकारी नियुक्ति – पीजीआई में पत्रकारों की सुविधा के लिए समन्वय अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।
आवास योजना – ‘पत्रकार पुरम’ की तर्ज पर नई आवास योजना लाने की सहमति, आवास विकास से पत्राचार की प्रक्रिया शुरू।
आकस्मिक सहायता – मृत्यु पर मिलने वाली सहायता राशि के लिए नया प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
जिला समन्वय समिति – प्रत्येक जिले में हर महीने पत्रकारों की समस्याओं पर डीएम और एसपी के साथ बैठक होगी।

उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश सचिव प्रवीण शर्मा ने सरकार की इस पहल को आम पत्रकारों की बड़ी जीत बताते हुए कहा कि, “सरकार ने हमारी आवाज को गंभीरता से लिया है, और अब समाधान की दिशा में ठोस शुरुआत हो चुकी है।”

बैठक में भाग लेने वाले पत्रकारों ने भी धैर्य, एकता और सकारात्मक संवाद के जरिए हासिल इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताया और विश्वास जताया कि सरकार द्वारा दी गई समय-सीमा में सभी बिंदुओं पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।


पंचशील उदय की ओर से यह खबर जन-जन तक पहुंचाने का उद्देश्य है कि पत्रकारिता जगत के लिए यह एक प्रेरणादायक क्षण है — जब कलम की ताकत ने संवाद और समर्पण से समाधान की राह प्रशस्त की।