69वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के दूसरे दिन सहकारिता भवन के पी.सी.यू. सभागार में उ0 प्र0 को-ऑपरेटिव फैडरेशन लि0 और उ0प्र0 उपभोक्ता सहकारी संघ लि0 के संयुक्त तत्वाधान में सहकारी विपणन, उपभोक्ता, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का शुभांरभ प्रदेश के उद्यान, कृषि-विपणन, कृषि-विदेश व्यापार, कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए उद्यान मंत्री ने कहा कि सहकार से समृद्धि केवल सहकारिता आन्दोलन से ही संभव है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सहकारिता गांव की पगड़डियों से होते हुए शिखर तक पहुंची है तथा इसको अभी और ऊंचाईयां मिलेगी, इसकी पहचान अंतर्देशीय स्तर तक होगी। उन्होने कहा कि सहकारिता मंत्री श्री जे.पी.एस. राठौर निरन्तर सहकारिता में आवश्यक सुधार कर रहे है। उन्होने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार सहकारिता के महत्व को भली-भांति जानती है। भारत के गृह मंत्री/सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता विभाग नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उन्होने कहा कि सहकारिता हम सबके लिए जरूरी है। सहकारिता विभाग शहर से लेकर ट्राइबल एरिया तक अपनी सेवाये दे रहा है।
श्री सिंह ने कहा कि जिस प्रकार बिना पानी के हमारा जीवन संभव नहीं है, उसी प्रकार आज सहकारिता के बिना भी हमारा जीवन संभव नहीं है। उन्होने कहा कि हमारे देश में लगभग 2.5 लाख करोड़ रूपये की यूरिया बाहर से आयात होती है। लेकिन अपने देश में नैनो यूरिया का उत्पादन प्रारम्भ होने से लगभग 25 प्रतिशत यूरिया बाहर से कम मंगानी पड़ेगी।
इससे जो धनराशि बचेगी उसे देश के विकास में उपयोग किया जा सकेगा। देश को आगे बढ़ाने में सहकारिता का महत्वपूर्ण योगदान है तथा इससे प्रत्येक व्यक्ति लाभान्वित हो रहा है। सहकारिता विभाग कृषि क्षेत्र मे पूरी तरह से घुला मिला है। किसानों से लेकर व्यापारी, गरीब से लेकर अमीर सभी लोगों को सहकारिता विभाग लाभान्वित कर रहा है।
इस अवसर पर उद्यान मंत्री ने पैक्स तथा नॉन पैक्स के लाभार्थियों को प्रशस्त्रि पत्र देकर सम्मानित किया गया।
गोष्ठी में पी.सी.एफ. के सभापति श्री बाल्मीकि त्रिपाठी द्वारा पी.सी.एफ. के कार्यों पर प्रकाश डाला गया तथा सहकारी सप्ताह के सफल आयोजन के लिए संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं अधिकारियों की सराहना की गयी।
उन्होनें कहा कि आज सहकारिता निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर है। उन्होने कहा कि किसानों को सहकारिता पर बहुत भरोसा है और उनका भरोसा बनाये रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है। यू.पी.एस.एस. के सभापति श्री संजीव जैन गोयल द्वारा सहकारी क्षेत्र में यू.पी.एस.एस. की भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
प्रमुख सचिव सहकारिता श्री बी.एल.मीणा ने कहा कि 69वें अखिल भारतीय सप्ताह 2022 के अन्तर्गत 07 दिवसीय कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है। इन कार्यक्रमों में विभिन्न विषयों पर चर्चा की जा रही है तथा विषय से सम्बन्धित विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि आज सहकारी विपणन, उपभोक्ता, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन पर चर्चा की गयी।
प्रमुख सचिव ने अपने सम्बोधन में विभिन्न देशों मे सहकारिता की पॉलिसी पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि प्रत्येक ग्राम सभा को-ऑपरेटिव से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
सहकारिता के कार्यों को आधुनिक तरीके से करते हुए कम्प्यूरीकृत किया जा रहा है।
गोष्ठी में विषय विशेषज्ञ निदेशक आई.आर.एम.ए. श्री उमाकान्त दास ने सरकारी विपणन, उपभोक्ता, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन पर विस्तार से जानकारी दी।
उन्होने कहा कि मार्केटिंग के क्षेत्र में चार बातें प्रोडक्ट-प्राइस-प्लेस-प्रमोशन महत्वपूर्ण है। श्री दास ने बताया कि को-ऑपरेटिव तथा कॉर्पोरेट सेक्टर में काफी अंतर है।
को-ऑपरेटिव सेक्टर में जुड़े सभी लोगों को लाभ प्रदान किया जाता है जबकि कार्पोरेट सेक्टर में ऐसा नहीं होता है। उन्होने कहा कि सहकारिता क्षेत्र को आगे बढ़ने के लिए गुड गवर्नेंस के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर प्रबन्ध निदेशक पी.सी.एफ. श्री मासूम अली सरवर, अपर आयुक्त एवं अपर निबन्धक (बैकिंग) श्रीमती बी. चन्द्रकला, अपर आयुक्त एवं अपर निबन्धक (प्रशासन) श्री के.पी. सिंह, विशेष सचिव सहकारिता श्री अच्छे लाल यादव, प्रबन्ध निदेशक पी.सी.यू. श्री मनोज कुमार द्विवेदी, प्रबन्ध निदेशक यू.पी.एस.एस. श्री वी.के. सिंह, प्रबन्ध निदेशक यू.पी.आर.एन.एस.एस. श्री ए.के. सिंह सहित सहकारी संस्थाओं के कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कार्यकारी निदेशक श्री आलोक दीक्षित ने किया।