
मेरठ – दावोस में चल रहे वर्ल्ड ईकोनोमिक फोरम में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय और मेटा के बीच मौजूदा साझेदारी को मजबूत करते हुए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के राज्य मंत्री एवं शिक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री जयन्त चौधरी ने मेटा के ग्लोबल फोरम के प्रेसिडेन्ट निक क्लेग से मुलाकात की। इस मुलाकात में भारत को कौशल विकास और डिजिटल ट्रान्सफॉर्मेशन में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करने के लिए अग्रणी टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस मुलाकात में हुई चर्चा जिन प्रमुख उद्देश्यों पर केन्द्रित थी, उनमें स्किल इंडिया असिस्टेंट को विकसित करना शामिल है, जो मेटा के ओपन-सोर्स लार्ज लैंग्वेज मॉडल लामा द्वारा संचालित एक एडवांस्ड एआई सॉल्यूशन है, जिसे स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) के साथ एकीकृत किया जाएगा। मंत्री जयन्त चौधरी ने एक परिवर्तनकारी भविष्य की कल्पना करते हुए कहा, भारत ग्लोबल स्किलिंग रिवोल्यूशन की अगली कतार में खड़ा है, जो इनोवेशन को अपनाने और कौशल को विकसित करने और उपयोग करने के तरीके को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए तैयार है। मेटा की टेक्नोलॉजी, जैसे कि लामा संचालित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉल्यूशन, स्किल इंडिया असिस्टेंट (एसआईए) के साथ हम अपने युवाओं के लिए डिजिटल युग में उत्कृष्टता प्राप्त करने के अभूतपूर्व अवसर खोल रहे हैं। ये इनोवेशन तकनीकी प्रगति से कहीं अधिक दर्शाते हैं कि वे ग्लोबल स्तर पर सफल होने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को टूल प्रदान करने की साहसिक प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं। एआई की क्षमता का लाभ उठा करके भारत के पास न केवल ग्लोबल स्किल कैपिटल बनने का अवसर है, बल्कि दुनिया के लिए समावेशी विकास और इनोवेशन का एक प्रतीक भी है।