
अभिभावकों की जेब पर हो रही खाली
मेरठ। जनपद मेरठ में हजारो की संख्या में चल रहे बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों पर शिक्षा अधिकारी आखिर खामोश क्यो है है बिना मान्यता प्राप्त यह स्कूल संचालक बच्चो के भविष्य के साथ तो खिलवाड़ कर ही रहे हैं साथ ही अभिभावकों की जेब पर पर भारी पड़ रहे हैं। जबकि बिना मान्यता वाले विद्यालयों पर शाशन द्वारा कठोर कार्रवाई करने का आदेश है। यह आदेश जनपद में मेरठ में हवा-हवाई साबित हो रहा है। जनपद में अभी भी हजारो स्कूल बगैर मानक पूरा किए बेरोकटोक संचालित हो रहे हैं। शिक्षा निदेशक के अनुसार बिना मान्यता के स्कूल संचालन पर एक लाख रुपये तक का जुमार्ना हो सकता है। इसके साथ ही उल्लंघन जारी रहने पर हर दिन 10 हजार रुपये का जुमार्ना लगाया जा सकता है। शहर से लेकर गांव तक के लोग मानक, मान्यता की परवाह किए बिना मकानों, दुकानों से झोपड़ियों तक में स्कूल लगते हैं। कम पढ़े बेरोजगार युवकों को कम पैसों में शिक्षक तैनात कर देते हैं। इतना कोचिंग का रजिस्ट्रेशन भी लोग स्कूल चला जबकि कुछ समय बीएसए ने पड़ताल जनपद में दर्जनों विद्यालय मिले। वही
लेकर चलाने लिखे बेहद ही के रूप में ही नहीं करवा कर रहे हैं। पहले ही कराई तो अमान्य शहर में लिसाड़ीगेट, श्यामनगर नूर नगर माधवपुरम सिटी गार्डन समर गार्डन देहात में रोहटा रोड के थाना रोहटा क्षेत्र के बहुत से स्कूल बिना मान्यता के ही संचालित हो रहे हैं। उक्त मामले में जब नियमानुसार सम्बंधित विभागों से जानकारी मांगी तो सर्वप्रथम अग्निशमन विभाग ने लिखित सूचनापत्र जारी करते हुए बताया कि स्कूल को अग्निशमन विभाग द्वारा कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत नही किया गया है।