यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोग सावधान हो जाएं। अब आइटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम ) से जुड़े शहर के चौराहों-तिराहों पर नियम तोड़ने पर वाहन स्वामियों को जेब ढीली करनी पड़ेगी। मेरठ में ई-चालान की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। सोमवार को इस बारे में यातायात विभाग ने नागरिकों को सूचित भी कर दिया। पहला ई-चालान काट भी दिया गया है।
चौराहों-तिराहों को नगर निगम के आइटीएमएस कंट्रोल के जरिए लखनऊ के डाटा सेंटर से लिंक कर दिया गया है और वाहन स्वामियों को ई-चालान भेजने की व्यवस्था लागू कर दी गई है। पहले से ही लखनऊ स्तर से ई-चालान वाहन स्वामियों को भेजने से पहले पूरे सिस्टम का ट्रायल किया जा रहा है था।
ये चौराहे आते हैं आइटीएमएस सिस्टम के अंतर्गत ——
शहर के कमिनश्नर आवास चौराहा, तेजगढ़ी चौराहा, गांधी आश्रम, जेलचुंगी, बच्चा पार्क, हापुड़ अड्डा आदि चौराहों और डिग्गी व एल ब्लाक तिराहे इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के अंतर्गत आते हैं।
यातायात नियम तोड़ने वाले होते हैं ट्रेस —
इन चौराहों व तिराहों पर तीन तरह के यातायात नियम तोड़ने वाले वाहनों को कैमरों के जरिए ट्रेस किया जाता है। चौराहे पर जेब्रा क्रासिंग पार करने वाले, बिना हेलमेट व बिना सीट बेल्ट और तीन सवारी बैठाकर चलने वाले दोपहिया वाहनों को ट्रेस किया जा रहा है। ट्रेस वाहन का नंबर निगम स्थित कंट्रोल रूम में कंप्यूटर पर ई-चालान साफ्टवेयर में दर्ज होता है।
यातायात विभाग ने नागरिकों को किया सूचित ——
यातायात विभाग ने मेरठ के नागरिकों को सूचित किया है कि सोमवार से ई चालान जनरेशन शुरू कर दिया गया है। सभी यातायात नियमों का पालन करें। उल्लंघन करने वालों पर ई चालान प्रणाली के माध्यम से जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने की सूचना एसएमएम और पोस्ट के माध्यम से दी जाएगी। जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कोर्ट के माध्यम से कार्रवाई होगी।
इतना होगा चालान —–
रेड लाइट पर उल्लंघन पर 500 रुपये
रांग साइड पर 2000 रुपये
ट्रिपल राइडिंग पर 1000
हेलमेट न होने पर 1000 का चालान लगाया जाएगा। चालान जमा करने के लिए चालान कॉपी पर हाइपरलिंक दिया हुआ है।
ट्रैफिक निरीक्षक करेंगे ई-चालान का सत्यापन ——
नगर निगम स्थित आइटीएमएस कंट्रोल में दो ट्रैफिक निरीक्षक बैठेंगें। इन्हें प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर ई-चालान साफ्टवेयर में दर्ज होने वाले वाहनों और चालान के प्रकार का सत्यापन ट्रैफिक निरीक्षक करेंगे। इसके बाद ही वाहन स्वामी को ई-चालान भेजा जाएगा। ई-चालान वाहन स्वामी के मोबाइल नंबर पर पहुंचेगा।