शनि जन्मोत्सव पर हुआ शनिदेव का महाभिषेक, हवन व भंडारे का आयोजन

हिंदू पंचांग के मुताबिक साल के ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनिदेव का जन्म उत्सव मनाया जाता है। आज के दिन धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक शनिदेव का जन्म हुआ था। इस दिन शुभ फल पाने के लिए सूर्यपुत्र शनिदेव की विशेष पूजा आराधना की जाती है। आज के दिन को वट अमावस्या के रूप में भी मनाया जाता है।

शुक्रवार को शनिदेव जन्म उत्सव पर मां बगलामुखी धाम यज्ञशाला श्री दक्षिणेश्वरी काली पीठ प्राचीन वन खंडेश्वर महादेव शिव मंदिर कैलाश प्रकाश स्टेडियम चौराहा साकेत मेरठ मंदिर में शनि जन्मोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर में शनि देव, भैरव महाराज, शनि शीला, श्री शंकर जी का दूध, दही, गंगा जल, शहद पंचामृत से अभिषेक किया गया, ओर सरसों के तेल का शनि देव व भैरवनाथ को अर्पण किया गया। तत्पश्चात लाल मिर्ची का हवन किया गया व मां बगलामुखी का हवन कर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हवन पूजन शनिदेव के अभिशेख किया गया व शाम को शनिदेव महाराज की महा आरती की गई। आचार्य प्रदीप गोस्वामी ने बताया कि इस दिन हवन पूजन से समस्त पुण्यो का लाभ मिलता है और पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है। और पूर्वजों का साथ व कुल गुरुओं, कुल देवी का पितरों का हमें आशीर्वाद प्राप्त होता है। शनि साधक योगेश कुमार ने बताया कि शनिदेव के अभिषेक से पुण्य की प्राप्ति होती है। संसार में रह रहे हर प्राणी को हमेशा पुण्य के काम करने चाहिए क्योंकि भक्ति में ही शक्ति है। सनातन धर्म में आस्था की ही शक्ति है आस्था ही मनुष्य को परामत्मा के दर्शन कराती है। इस अवसर पर आचार्य प्रदीप गोस्वामी, कामेश शर्मा, शनि शाधक योगेश अग्रवाल, लोकेश दास, विपुल सिंघल, नरेश कुमार, विशाल बंसल, संजय माहेश्वरी, राम गुप्ता, मनीष टिक्का, ममता सिंघल, स्वाति गर्ग आदि काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।