
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के राजा महेन्द्र प्रताप पुस्तकालय परिसर में आज महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक एवं दूरद्रष्टा विचारक राजा महेन्द्र प्रताप जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पुस्तकालय परिसर में स्थित उनकी प्रतिमा पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला की अगुवाई में माल्यार्पण से हुई। इस दौरान प्रति कुलपति प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता, कुलसचिव श्री धीरेंद्र कुमार, प्रोफेसर नीलु जैन गुप्ता सहित अधिकारियों शिक्षकों कर्मचारी विद्यार्थियों द्वारा माल्यार्पण कर महापुरुष को नमन किया गया।
साहित्यिक-सांस्कृतिक परिषद् के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी का विषय था—”राजा महेन्द्र प्रताप के सामाजिक एवं राजनीतिक विचार”। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री अनिल गुप्ता जी ने सहभागिता की और अपने वक्तव्य में राजा महेन्द्र प्रताप के साथ बिताए प्रेरणादायक क्षण साझा किए।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रो. राजेश गर्ग (डीएवी कॉलेज, बुलंदशहर) ने कहा—“राजा महेन्द्र प्रताप केवल स्वतंत्रता सेनानी नहीं, बल्कि समाज और राजनीति को नई दिशा देने वाले चिंतक थे। आज आवश्यकता है कि उनके विचारों और कार्यों पर शोध को बढ़ावा दिया जाए, जिससे युवा पीढ़ी राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सके।” कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा कि “राजा महेन्द्र प्रताप जी का जीवन संघर्ष, सेवा और विचारों की उत्कृष्ट मिसाल है। विश्वविद्यालय उनके विचारों को छात्रों तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह आयोजन नई पीढ़ी को प्रेरित करने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।” कार्यक्रम समन्वयक प्रो. के.के. शर्मा ने कहा “हमारा उद्देश्य न केवल श्रद्धांजलि अर्पित करना था, बल्कि युवाओं को उनके विचारों से जोड़ना है। उनके जीवन से हम सीख सकते हैं कि सच्ची राष्ट्रभक्ति सेवा और समर्पण से जुड़ी होती है।” पुस्तकालय विभागाध्यक्ष एवं स्वागताध्यक्ष प्रो. जमाल अहमद सिद्दीकी ने कहा—“राजा महेन्द्र प्रताप जी ने भारत को सामाजिक न्याय, समानता और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए जो कार्य किए, वे आज भी प्रासंगिक हैं। विश्वविद्यालय ऐसे आयोजनों के माध्यम से छात्रों में सकारात्मक सोच का संचार करता है।” कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में “भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में राजा महेन्द्र प्रताप का योगदान” विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय परिसर के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कुश गिरि गोस्वामी (बी.ए. ऑनर्स, इतिहास विभाग), द्वितीय स्थान प्रिंसी चौहान (एम.ए. हिंदी, चतुर्थ सेमेस्टर) तथा तृतीय स्थान जेसिका (बी.ए.एल.एल.बी., आठवां सेमेस्टर, आईएलएस) ने प्राप्त किया। अंजु सिंह, भूपेन्द्र सिंह एवं इशा चौधरी को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए। निर्णायक मंडल में अंग्रेज़ी विभाग से डॉ. विजेता गौतम तथा राजनीति विज्ञान विभाग से डॉ. मुनेश कुमार शामिल रहे। इस अवसर पर प्रवीण पंवार, मितेंद्र कुमार गुप्ता, सविता मित्तल, अपेक्षा चौधरी, योगेंद्र गौतम, सुमनलता, बाबरूम, अनमोल मिश्रा, विजयलक्ष्मी, नीतू सिंह, डॉ विवेक कुमार त्यागी, धर्मेंद्र कुमार,दीपक शर्मा सहित अनेक शिक्षकगण व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल राजा महेन्द्र प्रताप जी के विचारों को सम्मानित करने का माध्यम था, बल्कि इसके पीछे उद्देश्य यह भी था कि छात्र-छात्राएं उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर समाज और राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनें।