
अशोक सिंघल की जयंती के अवसर पर लोक पहल एवं अरुणोदय सोसायटी द्वारा संगोष्ठी एवं शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार व विश्व हिन्दू परिषद के संस्थापक श्रद्धेय अशोक सिंघल की जयंती के अवसर पर लोक पहल एवं अरुणोदय सोसायटी द्वारा संगोष्ठी एवं शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। बौद्धिक संगोष्ठी का विषय “पूज्य श्री अशोक सिंघल एवं उनका जीवन दर्शन” रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता डॉ प्रवेश कुमार चौधरी, राष्ट्रीय प्रवक्ता विश्व हिंदू परिषद, एसके सिंह पूर्व आईएएस, प्रोफेसर जसपाली सिंह चौहान दिल्ली विश्वविद्यालय, डॉ अनुभूति चौहान अध्यक्ष अरुणोदय संस्था, डॉ बी.एल आर्या अध्यक्ष लोक पहल, डॉ विजय कुमार सिंह संयोजक लोक पहल, कविंद्र चौधरी अध्यक्ष पैरा एथलेटिक्स एसोसिएशन, डॉ ऋषिकेश सिंह, आशुतोष सिंह तोमर लोक पहल दिल्ली प्रदेश इकाई, डॉ आलोक चौहान निदेशक एमआईटी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। डॉ प्रवेश कुमार चौधरी, राष्ट्रीय प्रवक्ता विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि हिन्दुओं की प्रचण्ड शक्ति को नेतृत्व देने का काम अशोक सिंघल ने किया था। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा आने के बाद भारत का सौ करोड़ हिन्दू समाज राम मंदिर आन्दोलन के साथ खड़ा हुआ। उस समय हिन्दू समाज को एकजुटकर एक स्वर में बोलने और स्वाभिमान जागरण का जो काम हुआ इसके पीछे जो शक्ति थी वह अशोक सिंहल ही थे। लोक पहल के अध्यक्ष डॉ बी.एल आर्य ने कहा कि अशोक सिंघल हिन्दुत्व जागरण के पुरोधा थे। वह बहुआयामी व्यक्तित्व कृतित्व के धनी थे। हिंदुत्व के विषय को जन-जन तक पहुंचाने का काम उन्होंने किया। उन्होंने कहा कि समाज के सामान्य से सामान्य व्यक्ति के लिए उनके मन में पीड़ा थी। एकल विद्यालय ब्रह्रास्त्र के समान आज हमारे पास है। हरिकथा सत्संग यह सब उन्हीं की प्रेरणा से काम शुरू हुआ। अरुणोदय संस्था की अध्यक्ष डॉ अनुभूति चौहान ने कहा की श्रद्धेय अशोक सिंघल द्वारा हिंदुत्व के लिए की गई तपस्या को युगों युगों तक याद किया जाएगा। हिंदुत्व के लिए उनका जीवन समर्पित रहा। वह एक युग ऋषि थे। वक्ता गणों द्वारा श्रद्धेय अशोक सिंघल जी को भावुक पलों में स्मरण किया गया। उनके द्वारा किए गए ऐतिहासिक कार्यों को युगो युगो तक याद किया जाएगा। इस अवसर पर शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन भी किया गया। इस दौरान सुभारती विश्वविद्यालय की सीईओ डॉ शल्य राज, प्रोफेसर बीरपाल सिंह, डॉ राजीव गुप्ता, राजकुमार सिंह, पी.के वशिष्ठ, डोली,अंजलि सुनीता आदि शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में निदेशक डॉ अजय कुमार, डॉ मीनाक्षी शर्मा, रवि आनंद, गौरव शर्मा, गौरव अग्रवाल, अजय चौधरी एवं अखिल गौतम का योगदान रहा। कार्यक्रम संयोजक आशुतोष सिंह तोमर ने सभी अतिथियों का धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन आशीष सोलंकी ने किया।राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार व विश्व हिन्दू परिषद के संस्थापक श्रद्धेय अशोक सिंघल की जयंती के अवसर पर लोक पहल एवं अरुणोदय सोसायटी द्वारा संगोष्ठी एवं शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
बौद्धिक संगोष्ठी का विषय “पूज्य श्री अशोक सिंघल एवं उनका जीवन दर्शन” रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता डॉ प्रवेश कुमार चौधरी, राष्ट्रीय प्रवक्ता विश्व हिंदू परिषद, एसके सिंह पूर्व आईएएस, प्रोफेसर जसपाली सिंह चौहान दिल्ली विश्वविद्यालय, डॉ अनुभूति चौहान अध्यक्ष अरुणोदय संस्था, डॉ बी.एल आर्या अध्यक्ष लोक पहल, डॉ विजय कुमार सिंह संयोजक लोक पहल, कविंद्र चौधरी अध्यक्ष पैरा एथलेटिक्स एसोसिएशन, डॉ ऋषिकेश सिंह, आशुतोष सिंह तोमर लोक पहल दिल्ली प्रदेश इकाई, डॉ आलोक चौहान निदेशक एमआईटी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
डॉ प्रवेश कुमार चौधरी, राष्ट्रीय प्रवक्ता विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि हिन्दुओं की प्रचण्ड शक्ति को नेतृत्व देने का काम अशोक सिंघल ने किया था। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा आने के बाद भारत का सौ करोड़ हिन्दू समाज राम मंदिर आन्दोलन के साथ खड़ा हुआ। उस समय हिन्दू समाज को एकजुटकर एक स्वर में बोलने और स्वाभिमान जागरण का जो काम हुआ इसके पीछे जो शक्ति थी वह अशोक सिंहल ही थे।
लोक पहल के अध्यक्ष डॉ बी.एल आर्य ने कहा कि अशोक सिंघल हिन्दुत्व जागरण के पुरोधा थे। वह बहुआयामी व्यक्तित्व कृतित्व के धनी थे। हिंदुत्व के विषय को जन-जन तक पहुंचाने का काम उन्होंने किया। उन्होंने कहा कि समाज के सामान्य से सामान्य व्यक्ति के लिए उनके मन में पीड़ा थी। एकल विद्यालय ब्रह्रास्त्र के समान आज हमारे पास है। हरिकथा सत्संग यह सब उन्हीं की प्रेरणा से काम शुरू हुआ।
अरुणोदय संस्था की अध्यक्ष डॉ अनुभूति चौहान ने कहा की श्रद्धेय अशोक सिंघल द्वारा हिंदुत्व के लिए की गई तपस्या को युगों युगों तक याद किया जाएगा। हिंदुत्व के लिए उनका जीवन समर्पित रहा। वह एक युग ऋषि थे।
वक्ता गणों द्वारा श्रद्धेय अशोक सिंघल जी को भावुक पलों में स्मरण किया गया। उनके द्वारा किए गए ऐतिहासिक कार्यों को युगो युगो तक याद किया जाएगा। इस अवसर पर शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन भी किया गया। इस दौरान सुभारती विश्वविद्यालय की सीईओ डॉ शल्य राज, प्रोफेसर बीरपाल सिंह, डॉ राजीव गुप्ता, राजकुमार सिंह, पी.के वशिष्ठ, डोली,अंजलि सुनीता आदि शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में निदेशक डॉ अजय कुमार, डॉ मीनाक्षी शर्मा, रवि आनंद, गौरव शर्मा, गौरव अग्रवाल, अजय चौधरी एवं अखिल गौतम का योगदान रहा। कार्यक्रम संयोजक आशुतोष सिंह तोमर ने सभी अतिथियों का धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन आशीष सोलंकी ने किया।