एनएसडीसी इंटरनेशनल ने ताकामोल होल्डिंग के साथ की साझेदारी



मेरठ। विश्वस्तर पर कार्यबल के विकास को बढ़ावा देने के प्रयास में एनएसडीसी इंटरनेशनल ने स्किल एक्सेलरेटर प्रोग्राम के लिए ताकामोल होल्डिंग के साथ हाथ मिलाया है। स्किल एक्सेलरेटर प्रोग्राम सऊदी अरब सरकार की मुख्य पहल है जो विज़न 2030 के अनुरूप युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने में मुख्य भूमिका निभाती है। सऊदी अरब में आर्थिक रूपान्तरण को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को उद्योग जगत की बदलती ज़रूरतों के अनुसार तैयार करना बेहद ज़रूरी है। इसी के मद्देनज़र स्किल एक्सेलरेटर प्रोग्राम को डिज़ाइन किया गया है जो विभिन्न सेक्टरों में कौशल की खामियों को पहचान कर, कौशल के लिए अनुकूल योजनाओं का निर्माण कर गणराज्य में प्रभावशाली डिलीवरी मॉडल स्थापित करता है। इस अवसर पर वेद मणि तिवारी, सीईओ एनएसडीसी एवं मैनेजिंग डायरेक्टर एनएसडीसी इंटरनेशनल ने कहा, ‘‘यह साझेदारी कौशल एवं काम के भविष्य को नया आयाम देने की हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ताकामोल के सहयोग से हम विज़न 2030 के अनुरूप सऊदी अरब के युवाओं को विश्वस्तरीय कौशल समाधानों के साथ सशक्त बनाना चाहते हैं।’ आलोक कुमार, सीईओ, एनएसडीसी इंटरनेशनल ने कहा, ‘‘यह साझेदारी एनएसडीसी इंटरनेशनल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो आपसी सहयोग के द्वारा दुनिया भर में कौशल प्रणाली को मजबूत बनाने के हमारे प्रयासों को दर्शाती है। ताकामोल के दृष्टिकोण को देखते हुए वे हमारे लिए अनुकूल साझेदार हैं। हमें गर्व है कि परामर्श एवं कार्यान्वयन में अपनी विशेषज्ञता के साथ हमें स्किल एक्सेलरेटर प्रोग्राम को समर्थन देने का अवसर मिला है।’ मिस हेस्सा अलोबैद, प्रोजेक्ट डायरेक्टर ताकामोल होल्डिंग ने कहा, ‘‘ताकामोल में हम युवाओं को न सिर्फ आज के लिए तैयार करना चाहते हैं बल्कि उन्हें आने वाले कल के लिए भी सक्षम बनाना चाहते हैं। इसी के मद्देनज़र एनएसडीसी इंटरनेशनल के साथ यह साझेदारी ऐसा मजबूत तकनीकी ढांचा तैयार करेगी जो हमारे कार्यबल के रूपान्तरण के दृष्टिकोण को साकार करने में मददगार साबित होगा। इस साझेदारी के तहत एनएसडीसी इंटरनेशनल- वर्कफोर्स एनालिटिक्स, सेक्टोरल स्किलिंग की योजनाओं, पॉलिसी अडवाइज़री तथा पाठ्यक्रम के विकास एवं ग्लोबल बेंचमार्किंग के लिए तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगा। यह साझेदारी एनएसडीसी इंटरनेशल के ग्लोबल कन्सल्टिंग फुटप्रिन्ट में महत्वपूर्ण कदम है, जो दुनिया भर में युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने में भारत की बढ़ती भूमिका को उजागर करती है।