
मेरठ – राष्ट्रीय कौशल विकास निगम और नानक चंद एंग्लो संस्कृत कॉलेज ने ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए रोजगार और कौशल बढ़ाने की दिशा में एक कदम उठाते हुए गुरुवार को कॉलेज में एक स्किल डेवलपमेन्ट सेन्टर स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी का उद्देश्य छात्रों को उद्योग-संबंधित कौशल में प्रशिक्षित करना, प्रतिस्पर्धी जॉब मार्केट में सफल होने के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग करना और उन्हें नए उभरते ट्रेडों में भविष्य के लिए तैयार करना है। एनएसडीसी के प्रतिनिधि ने समझौते पर हस्ताक्षर करते समय कहा, नानक चंद एंग्लो संस्कृत कॉलेज के साथ साझेदारी मेरठ के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सीखने और नौकरी पाने के बीच के गैप को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह समझौता ज्ञापन छात्रों को बीएफएसआई और पर्यटन एवं आतिथ्य जैसे क्षेत्रों से उपयोगी, नौकरी से संबंधित कौशल सीखने का मौका देगा, जिससे उन्हें अच्छी नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। एनएसडीसी पूरे भारत में कौशल विकास के लिए रास्ते बनाने के लिए समर्पित हैं, यह टीमवर्क दूसरों के लिए प्रेरणादायक है। हम मेरठ के छात्रों की मदद करने और उन्हें कार्य में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए आवश्यक टूल्स प्रदान करने में टीम बनाने के लिए उत्सुक हैं। एनएसडीसी के प्रतिनिधि ने कहा, छात्रों को सेन्टर में उच्च-स्तरीय स्किल लैब में नए जॉब मार्केट के साथ तालमेल बिठाते हुए उद्योग-संबंधी कौशल से खुद को लैस करने का अवसर मिलेगा। यह साझेदारी पूरी संभावना के साथ एक गेम चेंजर साबित होगी, क्योंकि हम युवाओं को उनके प्रोफेशनल स्किल सेट को बढ़ाने और देश के हाइटेक वर्कफोर्स में शामिल करने के लिए लक्षित कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि एनएसडीसी और नानक चंद एंग्लो संस्कृत कॉलेज दोनों को सेन्टर से बहुत उम्मीदें हैं, क्योंकि यह मेरठ क्षेत्र में सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने वाला है। स्किल डेवलपमेन्ट सेन्टर की स्थापना पर टिप्पणी करते हुए राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा, ऐतिहासिक एनएएस कॉलेज में इस स्टेट-ऑफ-द-आर्ट सेन्टर के रूप में यह पहल क्षेत्र के युवाओं को सशक्त बनाने और कौशल के माध्यम से बेरोजगारी की पहचान करने में काफी मदद करेगी। विशेषकर मेरठ के आस-पास के छोटे शहरों और गांवों के युवाओं के लिए यह बहुत फायदेमंद होगा। युवा आएं और एडमिशन लें, न्यू टेक्नोलॉजी में जीवन बदलने वाले कौशल सीखें और हमारे महान राष्ट्र को दुनिया की कौशल राजधानी बनने में मदद करें। जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार सिंह ने कहा, कौशल विकास महिला सशक्तिकरण का एक शक्तिशाली टूल है, जो उन्हें रूढ़िवादिता को तोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। मैं क्षेत्र के कॉलेजों की लड़कियों से आग्रह करूंगा कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और सेन्टर पर अपना एनरोल कराएं और खुद को ऐसे कौशल से लैस करें जो उन्हें बीएफएसआई और टूरिज्म सेक्टर्स में रोजगार और नौकरियां पाने में मदद करेगा।” उन्होंने ऐसे माहौल को बढ़ावा देने के लिए एनएएस कॉलेज और स्किल सेन्टर को जिला प्रशासन की ओर से हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया, जहां कौशल से रोजगार मिलता है। समझौता ज्ञापन के तहत एनएएस कॉलेज ट्रेनिंग सेक्टरों की स्थापना के लिए उपयुक्त स्थान और आवश्यक फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराएगा, जबकि एनएसडीसी कार्यक्रम की डिजाइनिंग और इम्प्लीमेन्टेशन सुनिश्चित करेगा तथा पाठ्यक्रम पूरा होने पर इन्डस्ट्री द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र प्रदान करेगा। केंद्र में इन्फार्मेशन सेशन और वर्कशाप से छात्रों और शिक्षकों को कौशल विकास के महत्व और इससे पैदा होने वाले अवसरों को समझने में लाभ होगा। उद्योग के प्रोफेशनल और सफल पूर्व छात्रों की स्पीकर के रूप में उपस्थिति इन कार्यक्रमों के प्रभाव को और अधिक रेखांकित करेगी, कौशल विकास कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देने के लिए क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। समझौता ज्ञापन समारोह में राज्य सभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी, जिला मजिस्ट्रेट डॉ. विजय कुमार सिंह, एनएएस कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर मनोज कुमार अग्रवाल, एनएसडीसी के नेशनल हेड, स्टेट इंगेजमेन्ट मयंक भटनागर की गरिमामयी उपस्थिति रही।