
मेरठ। मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट परिवहन का रक्षाबंधन के त्योहार पर चक्का जाम रहा हैं बस अड्डों पर बस न पहुंचने के कारण बहनों को घंटों सिटी बसों का इंतजार कर मायूस होकर अन्य साधनों से अपने गंतव्य की ओर जाना पड़ा। इस दौरान बस अड्डों पर भारी भीड़ दिखाई दी। मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट जो की मेरठ की जनता के लिए आवागमन की सुविधा प्रदान करती है और दैनिक यात्रियों के लिए रीढ मानी जाती है।

मेरठ से हस्तिनापुर जम्मू दीप, सरधना, शाहजहांपुर किठौर, मोदीनगर आदि जगहों के लिए यह बसें चलती है।प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश भर की सिटी एवं निगम ट्रांसपोर्ट की बसों में बहनों को 8 तारीख से 10 तारीख रात्रि 12:00 बजे तक रक्षाबंधन त्यौहार के अवसर पर फ्री यात्रा की सुविधा प्रदान की है। वही मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट के अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा सैलरी न मिलने की बात कह कर बसों का चक्का जाम कर दिया। जिस कारण बस अड्डों पर अपने गंतव्य की ओर जाने वाली बहनों को घंटों सिटी बसों का इंतजार कर मायूस होकर अन्य साधनों से अपने गंतव्य की ओर जाने के लिए विवश होना पड़ा। इस दौरान बस अड्डे पर भारी भीड़ दिखाई दी। मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट के संचालन की जिम्मेदारी परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक के कंधों पर है। लेकिन इसका संचालन ग्रीन सेल मोबिलिटी नामक कंपनी के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा किया जाता है। जब प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की जनता को सुविधा देने की बात की जा रही हो ऐसे समय में इस कंपनी के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा सिटी बसों का चक्का जाम करना बेमानी की बात है।

जब मीडिया टीम द्वारा बस अड्डों पर खड़ी हुई महिलाओं से बात की गई तो उनके द्वारा अधिकारियों को कोसते हुए इनके द्वारा सरकार की छवि धूमिल करने जैसी बात कही गई। साथ ही महिलाओं ने कहा की फ्री सरकार द्वारा सुविधा दी जा रही है लेकिन इन अधिकारियों को इस तरीके से व्यवहार नहीं करना चाहिए था। जब अधिकारियों से इस विषय में बात की गई तो। उनके द्वारा बताया गया कि ड्यूटी लगाने वाले अधिकारी जो कि सुपर सर्विस प्वाइंट नामक कंपनी के अधीन कार्य करते हैं। उनका वेतन न मिलने के कारण उनके द्वारा चालको एवं परिचालकों को ड्यूटी निर्गत नहीं की गई। जिस कारण बसों का संचालन नहीं हो सका। लेकिन यहां एक बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि क्या आज के ही दिन यह सब किया जाना उचित है या फिर कोई सोची समझी साजिश है। 50 बसों का चक्का आखिर जाम हुआ तो किसकी सह पर। क्या संचालन करने वाली प्राइवेट कंपनी सुपर सर्विस प्वाइंट के ड्यूटी ऑफिसर के लिए प्रदेश सरकार का आदेश कोई मायने नहीं रखता। या फिर प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।