
मेरठ। आज कल देखने को मिलेगा कि पीड़ित इंसाफ के लिए पैरों की चप्पल घिस जाती है लेकिन इंसाफ के नाम पर पीड़ित व्यक्ति को मीठी मीठी बात करके उसे मीठी गोली देकर आगे का रास्ता दिखा दिया जाता हैं अगर पीड़ित इंसाफ की मांग के लिए अपनी बात पर अड़ जाता है तो उसे गंभीर धाराओं का आभास कराते हुए ज्ञान का पाठ पढ़ाया जाता है। या फिर उसे सुविधा शुल्क लेकर सही से दिशा निर्देश जारी कर दिया जाता हैं। लेकिन इंसाफ नहीं मिलता।
जहां उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यानाथ की सरकार है ओर पीड़ित को इंसाफ दिलाने के लिए थाने, चौकी , महिलाओं की सेल हाइटेक थाने , 112 नंबर गाड़ी ओर वाट्सअप, आई जी आर एस, जैसी अनेक सुविधा दे रखी है । गुंडा माफिया भी कान पकड़ते है । पुलिस के उच्च अधिकारी 24 घंटे एडी चोटी के जोर लगा रहे । ताकि पीड़ित को इंसाफ दिला सके । थाना स्तर के इंस्पेक्टर भी पीड़ित को पूरा सम्मान दिया जाता हैं ओर पीड़ित पक्ष के साथ दिखाई देते हैं ।वहीं दूसरी तरफ खेल आरम्भ होता है चौकी स्तर से ,चौकी प्रभारी हो या सिपाही वहां पीड़ित को शतरंज की गोटी समझ कर इधर उधार का रास्ता दिखते है। हां अगर आपने सेटिंग करते हुए जेब गर्म हो जाती हैं उल्टा पीड़ित को समझाया जाता है उसे समय दिया जाता अभी दो चार दिन बाद आना फिर आपका काम करते हैं ऐसे ही पीड़ित को महीनों घुमाया जाता हैं पर इंसाफ नहीं मिलता उसे उच्च अधिकारी से मिलने से भी रोका जाता हैं उसे हवालात मे भेजने की हिदायत देकर भेज दिया जाता हैं।एक ऐसा ही मामला मेरे संज्ञान में आया है ।थाना कंकर खेड़ा क्षेत्र के अंतर्गत कस्बा चौकी प्रभारी सब इंस्पेक्टर विनीत कुमार के पास चौकी पर पहुंचा तो देखा कि जिनके खिलाफ प्रार्थना पत्र में नाम उनको चाय पर बुलाया जाता हैं उसके बाद पीड़ित पक्ष को आगे का रास्ता दिखा दिया गया।उसे कहा आगे से जब बुलाए तब आना नहीं तो आपके खिलाफ कार्यवाही करने की सलहा देकर भेज दिया गया।अब देखना ये है ऐसा कब तक पीड़ित इंसाफ के लिए घूमता फिरता रहेगा ? अब ऐसा महसूस होता है जिसकी जेब में पैसा है उसकी जेब में कानून।जहां हमारे आई जी, ओर एस एस पी साहब ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने में लगे है वहीं दूसरी तरफ सुविधा शुल्क के लिए दागदार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।अब देखना ये है कि ऐसा कब तक चलता है।