मस्जिद में मौलाना को गोली मारी, घटना के समय बच्चों की ऑनलाइन क्लास ले रहे थे मौलाना

मेरठ में मस्जिद में घुसकर मौलाना को एक युवक ने गोली मार दी। वारदात उस वक्त हुई, जब मौलाना बच्चों की ऑनलाइन क्लास ले रहे थे। हमलावर अचानक मस्जिद में घुसा। फिर गोली मार दी। वारदात के बाद तमंचा फेंककर भाग गया। गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग वहाँ पहुंचे तो देखा मौलाना खून से लथपथ फर्श पर पड़े थे। आनन-फानन में लोगो ने मौलाना नईम को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया।
घटना लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के मिलन पैलेस के पास स्थित मस्जिद की है। हमलावर की शिनाख्त पड़ोस में ही रहने वाले सरताज के रूप में हुई है। वारदात के बाद से वह फरार है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रविवार सुबह 5.50 बजे अचानक मस्जिद में घुसा और हमला किया। उस समय सरताज चुपचाप मस्जिद के बाहर पहुंचा। नमाज के बाद जब सभी लोग चले गए तो मौलाना नईम बच्चों को ऑनलाइन उर्दू पढ़ाने लगे। 3-4 बच्चे मस्जिद में भी थे।
सरताज अंदर आया और कमर से तमंचा निकालकर ट्रिगर दबा दिया। लेकिन, गोली मिस हो गई। अचानक हमला होते देख मौलाना घबरा गए। जब तक वह कुछ समझ पाते तब तक सरताज ने कमर से दूसरा तमंचा निकाला। मौलाना के सिर को टारगेट करके गोली चला दी। गोली मौलाना के कान के पास लग गई। गोली की आवाज से शोर मचा तो सरताज हाथ में छुरी और तमंचा लहराते हुए फरार हो गया।
मस्जिद के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि 2 महीने पहले सरताज नमाज पढ़ने आया था। उसने टोपी गलत तरह से पहन रखी थी। एक बुजुर्ग ने उसकी टोपी सही कर दी। इस पर सरताज ने उनको घूंसा मार दिया। बुजुर्ग के चेहरे पर खून निकलने पर लोगों ने सरताज की पिटाई कर दी थी। इसके बाद मौलाना नईम और बुजुर्ग लोगों ने सरताज से कह दिया था कि आज के बाद यहां नमाज के लिए मत आना।
लोगों ने बताया कि इसके बाद भी सरताज कई बार नमाज पढ़ने आया तो उससे लोगों की बहस हुई। मौलाना ने भी कहा था कि बदतमीज लोगों के लिए यहां कोई जगह नहीं। कई बुजुर्गों ने भी उसे डांट दिया था। इस बात को लेकर सरताज गुस्से में था।
सरताज को मस्जिद में नमाज पढ़ने से मना करने वाले एक बुजुर्ग ने बताया कि सरताज पूरी तैयारी से आया था। वे आज नमाज पढ़ने नहीं गए थे। जिस तरह से वह 2 तमंचे और छुरी लेकर पहुंचा उससे साफ है कि वो मौके पर होते तो कई लोगों पर हमला कर सकता था। सरताज का घर कासमी मस्जिद के पीछे ही है। परिवार वालों ने उसे घर से निकाल रखा है। वह आजकल रिहान गार्डन में किराए पर रहता है। कपड़े बेचने का काम करता है। वहीं, मौलाना नईम रोहटा रोड के मुरलीपुर गांव के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी और बच्चे गांव में रहते हैं। वे कासमी मस्जिद में आठ साल से इमाम हैं।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि मस्जिद के भीतर से तमंचा बरामद किया गया है। हमलावर की तलाश में टीम लग गई है। जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा।