फसल अवशेष जलाने से रोकने हेतु तहसील वार मोबाइल स्क्वार्ड टीम गठन के दिए निर्देश

PU

जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन के पत्रांक-एन०जी०टी०-413-81-7-2020-09 (रिट)/2016 टी0सी0 दिनांक 06 अगस्त 2020 के द्वारा मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन संख्या-13029/1985 एम० सी० मेहता बनास यूनियन आफ इण्डिया एवं अन्य के दिनांक 30/07/20020 को पारित आदेश के बिन्दु संख्या-3 के अनुपालन में तथा पूर्व के शासनादेश संख्या-581/35-12018-05 (टी०सी०-52)/17 दिनांक 06/08/2018 एवं शासनादेश संख्या-39/2019/2882/12-02-2019-14/2016 कृषि अनुभाग-2 दिनांक 04 अक्टूबर 2019 के परिपालन में प्रत्येक तहसील स्तर पर फसल अवशेष न जलाये जाने के उद्देश्य से जनपद मेरठ के समस्त उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील वार मोबाइल स्क्वार्डस के गठन किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। फसल अवशेष जलाते हुये पाये जाने पर नियमानुसार दण्डित करने की कार्यवाही करने एवं अवशेष जलाए जाने की स्थिति में किसी प्रकार की वसूली निर्धारित होती है, तो ऐसी स्थिति में समस्त नायब तहसीलदार/तहसीलदार के द्वारा प्रक्रिया संपन्न की जायेगी। जनपद में तहसील वार मोबाइल स्क्वार्डस का गठन किया जाना है।

उन्होने बताया कि तहसील सदर के विकास खंड जानी/खरखौदा/मेरठ/रजपुरा/रोहटा में उपजिलाधिकारी सदर पर्यवेक्षक अधिकारी/अध्यक्ष तथा ग्राम्य विकास से संबंधित खंड विकास अधिकारी, राजस्व विभाग से तहसीलदार सदर, कृषि विभाग से जिला कृषि अधिकारी, गन्ना विभाग से जिला गन्ना अधिकारी, पुलिस विभाग से संबंधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष सदस्य, तहसील सरधना के विकासखंड दौराला/सरधना/सरूरपुर में उपजिलाधिकारी सरधना पर्यवेक्षक अधिकारी/अध्यक्ष तथा ग्राम्य विकास से संबंधित खंड विकास अधिकारी, राजस्व विभाग से तहसीलदार सरधना, कृषि विभाग से कृषि रक्षा अधिकारी, गन्ना विभाग से जिला गन्ना अधिकारी, पुलिस विभाग से संबंधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष सदस्य तथा तहसील मवाना के विकास खंड हस्तिनापुर/माछरा/मवाना/ परीक्षितगढ़ में उपजिलाधिकारी मवाना पर्यवेक्षक अधिकारी/अध्यक्ष तथा ग्राम्य विकास से संबंधित खंड विकास अधिकारी, राजस्व विभाग से तहसीलदार मवाना, कृषि विभाग से भूमि संरक्षण अधिकारी, गन्ना विभाग से जिला गन्ना अधिकारी, पुलिस विभाग से संबंधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष सदस्य होंगे। उन्होने बताया कि फसल अवशेष को जलाये जाने से रोकने के लिये विभागवार कार्यवाही सम्पन्न करायी जायेगी। कृषि विभाग द्वारा फसल कटाई से पूर्व प्रत्येक न्याय पंचायत/ब्लाक स्तर/तहसील स्तर/जनपद स्तरीय   कृषक गोष्ठियों एवं मेला के आयोजन करते हुए फसल अवशेष प्रबंधन योजना का प्रचार प्रसार कराना सुनिश्चित करें एवं न्याय पंचायतवार कृषकों के व्हाट्सएप पर फसल अवशेष प्रबंधन के विषय में कृषकों को जागरूक करें। राजस्व विभाग कृषि अपशिष्ट जलाने वाले व्यक्ति के विरुद्ध पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति/अर्थदंड की वसूली किये। जाने के संबंध में निर्देश प्राप्त हैं कि राजस्व विभाग के अंतर्गत लेखपालों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर कृषि अपशिष्ट को जलाये जाने की घटना होती है तो दोषी पाये जाने के संबंध में साक्ष्यों सहित नायब तहसीलदार/तहसीलदार द्वारा संबंधित के विरूद्ध 03 दिन के अंदर सुस्पष्ट कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा जिसके संबंध मे नायब तहसीलदार/तहसीलदार के स्तर पर सुनवाई के बाद दोषी पाये जाने के फलस्वरूप पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति/अर्थदण्ड का अधिरोपण किया जायेगा ।

कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड से कम होने की दशा मे अर्थदण्ड रूपये 2500/- प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड़ से अधिक किन्तु 05 एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदण्ड रूपये 5000/- घटना, कृषि भूमि का क्षेत्रफल 05 एकड से अधिक होने की दशा में अर्थदण्ड रूपये 15000/- प्रति घटना, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के आदेशों के क्रम में उल्लंघनकर्ताओं से पर्यावरणीय दक्षतिपूर्ति के रूप में वसूल किये गये प्रतिकार को पृथक खाता खुलवाकर जमा कराया जाये। ग्राम विकास द्वारा विकास खण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी द्वारा अपने अधिकारिता क्षेत्र के समस्त ग्राम प्रधान एवं सचिव के माध्यम से कृषकों द्वारा फसल अवशेष जलाए जाने पर लगने वाले अर्थदण्ड से अवगत कराएं एवं किसी ग्राम पंचायत में जलाने की घटना पर ग्राम प्रधान एवं सचि की जिम्मेदारी निर्धारित की जाये। जिला गन्ना अधिकारी अपने क्षेत्रीय कर्मचारियों एवं गन्ना समितियों तथा चीनी मिलों के साथ इस संबंध में बैठक कर गन्ने की पाती जलाने एवं अर्थदण्ड तथा पराली के खेत में ही प्रबंधन के लाभ को अवगत कराने के साथ साथ गन्ना समितियों एवं चीनी मिलों के माध्यम से वेस्ट डीकम्पोजर का वितरण भी कराया जाये।

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