भारत और इजिप्ट ने कौशल विकास में आपसी सहयोग के द्वारा दोनों पक्षों के बीच के रिश्तों को मजबूत बनाने पर दिया ज़ोर


मेरठ। भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मत्रांलय (एमएसडीई) ने नई दिल्ली के कौशल भवन में महत्वपूर्ण विचार-विमर्श के लिए इजिप्ट के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की। सत्र का नेतृत्व महामहिम प्रोफेसर डॉ. अयमान बहा अल दीन (डिप्टी मिनिस्टर ऑफ टेकनिकल एजुकेशन) द्वारा किया गया। यह 2023 तक भारत एवं इजिप्ट के बीच हुई द्विपक्षीय साझेदारियों तथा हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इजिप्ट के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किए जाने के बाद दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
एमएसडीई के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने दोनों देशों के लोगों के बीच तथा संस्थागत संबंधों पर रोशनी डाली। उन्होंने कौशल भारत मिशन के माध्यम से भारत को कौशल की दृष्टि से दुनिया की राजधानी बनाने के दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया। इस मिशन के तहत अब तक तकरीबन 400,000 लोगों को आधुनिक डोमेन्स जैसे आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्स, रोबोटिक्स एवं बिग डेटा में प्रशिक्षित किया जा चुका है तथा 1.3 मिलियन से अधिक उद्यमियों को बढ़ावा दिया गया है। इस अवसर पर भारत द्वारा अपनी व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रणाली को विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप बनाने के प्रयासों तथा विश्वस्तरीय स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटरों की स्थापना के बारे में भी बताया गया, इन सभी प्रयासों को अन्तर्राष्ट्रीय साझेदारियों के लिए मॉडल्स के रूप में प्रस्तुत किया गया। इजिप्ट के प्रतिनिधिमंडल ने इजिप्ट में हुए व्यापक टीवीईटी सुधारां पर जानकारी दी, जैसे ईयू द्वारा समर्थन प्राप्त टीवीईटी इजिप्ट रिफॉर्म प्रोग्राम, सेक्टर स्किल्स काउन्सिल्स की स्थापना- ये प्रयास भारत के स्केलेबल एवं अफॉर्डेबल स्किलिंग मॉडल्स से मेल खाते हैं। दोनों पक्षों ने आपसी सहयोग की सफलता को स्वीकार किया जैसे 2024 में भारत के एनआईईएलआईटी और इजिप्ट के इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के बीच एमओयू; एमिटी युनिवर्सिटी के साथ अल-सेवेदी ग्रुप की साझेदारी तथा कायरो में भारत द्वारा समर्थित वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर। दोनों देशों ने आने वाले समय के लिए भी कई तरह से आपसी सहयोग पर विचार-विमर्श किया। इनमें शामिल है- जॉइंट सर्टिफिकेशन प्रोग्राम, फैकल्टी एवं स्टुडेन्ट एक्सचेंज, डिजिटल स्किलिंग एवं एंटरेप्रेन्योरशिप के प्रयास तथा मुख्य सेक्टरों जैसे इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी, कृषि, पर्यटन एवं ग्रीन स्किल में सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना। दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने ऐसे कार्यबल के निर्माण के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की जो विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी हों तथा भविष्य के लिए तैयार रहें। उन्होंने साउथ-साउथ कोऑपरेशन के लिए अपनी साझेदारी का सदुपयोग करने पर भी विचार प्रस्तुत किए।