आईएमए मेरठ वार्षिक वैज्ञानिक सम्मेलन : चिकित्सकों और आम जनता में कार्डियक एरिदमिया के प्रति जागरूकता बढ़ाना


मेरठ। कार्डियक एरिदमिया वह स्थिति है जब ह्रदय बहुत तेज, बहुत धीमी या अनियमित धड़कने लगता है। यह समस्या हल्के लक्षणों से लेकर अचानक ह्रदयगति रुकने (सडन कार्डियक अरेस्ट) तक हो सकती है, जिससे यह चिकित्सा क्षेत्र में एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। डॉ. अमित मलिक, वरिष्ठ निदेशक, ह्रदय रोग विभाग, मैक्स अस्पताल, वैशाली के अनुसार, कार्डियक एरिदमिया के सही समय पर पहचान और प्रभावी प्रबंधन से जानलेवा स्थितियों को रोका जा सकता है। 


● युवाओं में बढ़ते अचानक ह्रदयगति रुकने के मामले —-
हाल के वर्षों में व्यायाम के दौरान या खेल आयोजनों के दौरान युवाओं में अचानक मृत्यु की घटनाएं बढ़ रही हैं। इन अधिकतर मामलों में कार्डियक एरिदमिया मुख्य कारण होता है। डॉ. मलिक के अनुसार समय पर निदान और उचित उपचार से इस घातक स्थिति को टाला जा सकता है। 

● कार्डियक एरिदमिया के आधुनिक उपचार और रोकथाम —
आज के समय में वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित आधुनिक रणनीतियाँ कार्डियक एरिदमिया के प्रभावी प्रबंधन में मददगार साबित हो रही हैं, जिनमें शामिल हैं।
• दवा उपचार (Pharmacological Therapy) – ह्रदय की धड़कन को नियंत्रित करने के लिए विशेष दवाएं 
• कैथेटर एब्लेशन (Catheter Ablation) – एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया जो असामान्य ह्रदयगति का इलाज करती है 
• इम्प्लांटेबल कार्डियक डिवाइसेस (Pacemaker और AICD) – पेसमेकर
• धीमी ह्रदयगति को नियंत्रित करने के लिए 
• AICD (ऑटोमैटिक इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफिब्रिलेटर)
• अचानक ह्रदयगति रुकने के खतरे को कम करने के लिए 
• जोखिम कारक संशोधन (Risk Factor Modifications)
• स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर ह्रदय स्वास्थ्य को सुधारना 
डॉ. मलिक यह भी बताते हैं कि सामुदायिक जागरूकता, CPR प्रशिक्षण, और उन्नत स्क्रीनिंग तकनीकों जैसे कि वियरेबल डिवाइसेस (पहनने योग्य उपकरण) कार्डियक एरिदमिया के शीघ्र निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
● पल्स डे – 1 मार्च का महत्व – हर साल 1 मार्च को पल्स डे मनाया जाता है, जो यह याद दिलाता है कि दुनिया में हर 3 में से 1 व्यक्ति को अपने जीवनकाल में गंभीर कार्डियक एरिदमिया होने की संभावना हो सकती है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को नियमित रूप से अपनी पल्स जांचने और किसी भी अनियमितता का पता चलने पर चिकित्सा सलाह लेने के लिए प्रेरित करना है। डॉ. मलिक के अनुसार, चिकित्सा विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और आम जनता के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर, हम कार्डियक एरिदमिया की समय पर पहचान और प्रभावी उपचार सुनिश्चित कर सकते हैं, जिससे अचानक ह्रदयगति रुकने (सडन कार्डियक डेथ) को रोका जा सकता है।

Please follow and like us:
Pin Share