
मेरठ में फर्जी मार्कशीट गैंग का भंडाफोड़, 3 गिरफ्तार
मेरठ एसटीएफ ने गंगानगर में छापेमारी कर हाईस्कूल और इंटर की फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गैंग के सरगना समेत तीन को पकड़ा। आरोपी कंप्यूटर से नंबर बढ़ाकर मनपसंद कॉलेज में एडमिशन दिलाते और बिना परीक्षा दिए यूपी बोर्ड की बैंक डेट मार्कशीट बनाकर मोटी रकम वसूलते थे। गैंग के पास कंप्यूटर, प्रिंटर, जाली मोहरें और दर्जनों मार्कशीट बरामद हुईं। आरोपियों पर गंगानगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.
मेरठ/लखनऊ, 11 अगस्त 2025
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट में अवैध तरीके से अंक बढ़ाकर छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश दिलाने और यूपी ओपन स्कूल बोर्ड से बैक डेट की फर्जी मार्कशीट तैयार कराने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। कार्रवाई में गिरोह के सरगना सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम
1. जितेन्द्र पुत्र साधू सिंह, निवासी सी-28 पांडव नगर, थाना सिविल लाइन, मेरठ।
2. शिवकुमार पुत्र राकेश कुमार, निवासी 397/9, अपोजिट केएल इंटरनेशनल स्कूल, जागृति विहार, थाना मेडिकल, मेरठ।
3. निखिल तोमर पुत्र बादाम सिंह, निवासी 57, आशानगर, जेल चुंगी, थाना मेडिकल, मेरठ।
बरामद सामान
छापेमारी में एसटीएफ ने एक कंप्यूटर सीपीयू, प्रिंटर, एक्सटर्नल हार्ड डिस्क, विभिन्न स्कूलों की 10 मोहरें, 2 स्टांप पैड, 25 हाईस्कूल और 49 इंटरमीडिएट की मार्कशीटें, यूपी ओपन स्कूल की 2 मार्कशीट, 2 टीसी, 1 सनद और एक कार (UP-14 FF-8044) बरामद की।
गिरफ्तारी की पूरी कार्रवाई
एसटीएफ मेरठ की टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि गंगानगर क्षेत्र में एक मकान में बैठकर कुछ लोग मार्कशीट में हेराफेरी कर अंक बढ़ाते हैं और बिना परीक्षा दिए यूपी ओपन स्कूल बोर्ड से बैक डेट की मार्कशीट बनवाते हैं। मुखबिर की निशानदेही पर टीम ने एफ-230, गंगानगर में छापा मारकर तीनों आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा
पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह कंप्यूटर सिस्टम से मार्कशीट के अंक एडिट कर नई फर्जी मार्कशीट तैयार करता था और इसके बदले प्रति छात्र ₹10,000 वसूलता था।
टीसी बनाने का रेट: ₹3,000 प्रति छात्र
ओपन स्कूल मार्कशीट: बिना परीक्षा के बैक डेट मार्कशीट बनवाकर ₹10,000 से ₹15,000 तक वसूलते थे।
गिरोह का एक साथी लखनऊ में बैठकर ओपन स्कूल की फर्जी मार्कशीट बनाता था, जिसे पोर्टल पर अपलोड कर कोरियर से भेजा जाता था। लखनऊ वाले साथी को प्रति मार्कशीट ₹5,000 भेजे जाते थे। यह नेटवर्क पिछले 10 वर्षों से सक्रिय था।
मामला दर्ज
गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ थाना गंगानगर में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई स्थानीय पुलिस को सौंपी गई है।