एल्बेंडाजोल खिलाएं, बच्चों को पेट के कृमि से मुक्ति दिलाएं : सीएमओ

जिले में गुरुवार को कृमि दिवस अभियान का आगाज हुआ। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अखिलेश मोहन ने मोहनपुरी स्थित ब्लिस इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों को पेट से कीड़े निकालने के लिए एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर अभियान का शुभारंभ किया। एक से तीन अगस्त तक जिले में मॉप अप राउंड चलाया जाएगा, जिसमें जनपद के 2118 सरकारी, गैर सरकारी, प्राइवेटस्कूलएवं आंगनबाड़ी केन्द्र एवं मदरसों मेंएक से 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोरों को निशुल्क एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी।

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश मोहन ने बताया पेट के कीड़े कृमि बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। कृमि एनीमिया और कुपोषण का एक बड़ा कारण हैं। पेट के कीड़े मनुष्य की आंत में रहते हैं और हमारे भोजन से पोषक तत्वों का अवशोषण करते रहते हैं। सीधे शब्दों में कहा जाए तो पेट में कीड़े होने पर बच्चों को खाया पिया नहीं लगता है और वह कमजोर हो जाते हैं। इसलिए यह अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है, जिससे बच्चे तदंरूस्त रह सके।

सीएमओ ने बताया पूरे प्रदेश में 20 जुलाई को कृमि मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, लेकिन यहां कांवड़ यात्रा के चलते शासन ने 28 जुलाई की तारीख तय कर दी थी। उन्होंने बताया जनपद के लिए शासन से एक से 19 वर्ष तक के 11.67 लाख बच्चों और किशारों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्य है । गोली खिलाने के लिए आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया है।

जनपद में 2076 आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में एक से तीन अगस्त तक मॉप अप रांउड चलाया जाएगा, जिसमें गुरुवार को गोली खाने से छूटे बच्चों-किशोरों को दवा खिलायी जाएगी।

एक से दो साल के बच्चों को आधी गोली दी जाएगी, जबकि दो से 19 साल तक की आयु वालों को एक गोली खिलाई जाएगी। गोली खाली पेट नहीं खिलानी है, इसलिए स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम और प्रशिक्षित शिक्षक, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दोपहर के भोजन के बाद अपने सामने यह गोली खिलाएंगे।

 यह है कृमि संक्रमण के कारण

संक्रमित बच्चे के शौच में कृमि के अंडे होते हैं, खुले में शौच करने से यह अंडे मिट्टी में मिल जाते हैं और विकसित होते रहते हैं। इससे अन्य बच्चे नंगे पैर चलने से, गंदे हाथों से खाना खाने से या फिर बिना ढका हुआ भोजन खाने से लार्वा के संपर्क में आने से संक्रमित हो जाते हैं।

कृमि संकमण के लक्षण:-

गंभीर कृमि संक्रमण से कई लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे दस्त पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी, जी मिचलाना, गुदा मार्ग में खुजली, शरीर का विकसित न होना, भूख कम लगना, खाना खाने का मन नहीं करना, पेट फूलना आदि। बच्चे में कृमि की संख्या जितनी ज्यादा होगी लक्षण उतने ही अधिक होंगे।

 बचाव :-

नाखून साफ और छोटे रखें, हमेशा साफ पानी पिएं, खाने को ढक कर रखें, साफ पानी से फल सब्जियां धोएं, साबुन पानी से हाथ धोएं, विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद, आस-पास सफाई रखें, जूते पहनें, खुले में शौच न करें हमेशा शौचालय का प्रयोग करें।