- कस्तूरबा गाँधी आवासीय विद्यालय में यौन शिक्षा के साथ दी जाएगी गुड टच और बैड टच की जानकारी
- बच्चों के यौन शोषण के मामलों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने उठाया कदम
बालिकाओं के प्रति यौन उत्पीड़न पर लगाम कसने के लिए योगी सरकार ने सराहनीय पहल की है। अब कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में बालिकाओं को यौन शिक्षा देने के साथ ही गुड टच व बैड टच के बारे में भी बताया जाएगा।
मिशन शक्ति फेज़-4 में हुआ मीना मंच का गठन
मेरठ के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार का कहना है – मिशन शक्ति फेज-4 के अंतर्गत मीना मंच का गठन किया गया है, जिसके चलते मेरठ में अब तक 1072 परिषदीय विद्यालयों एवं पांच कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में गुड टच एवं बैड टच को लेकर बच्चों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। मीना मंच के अंतर्गत पॉक्सो एक्ट, बाल अधिकार, शिक्षा का अधिकार एवं गुड टच बैड टच के बारे में एसएमसी के माध्यम से संयुक्त जानकारी दी जा रही है।
उन्होंने कहा- बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध का मुख्य कारण बच्चों में जागरूकता की कमी होती हैं। माता-पिता अपना कर्तव्य केवल अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा, खाना-पीना, कपड़े पहनना, बड़ों का सम्मान करना और अच्छे संस्कार देने तक सीमित मानते हैं, लेकिन वर्तमान समय में बच्चों को यौन शिक्षा देने के साथ ही उन्हें स्कूलों में गुड टच बैड टच के बारे में बताना भी एक जरूरी विषय है। इसी सोच के साथ बेसिक स्कूलों में बच्चों को गुड टच व बैड टच के बारे में बताया जाएगा।
बच्चों से रखें मित्रता का व्यवहार
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में बालिकाओं को मीना मंच के तहत सबकुछ अच्छी शिक्षा के साथ-साथ अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में भी बताया जाएगा। इस प्रोग्राम के तहत उनके माता-पिता को भी जागरूक किया जाएगा और बच्चों के साथ विश्वास कायम करने के लिए तमाम बातें भी बताई जाएगी। ताकि उनका बच्चा किसी के द्वारा बुरा बर्ताव करने पर अपने माता-पिता से कोई भी बात साझा करने में संकोच न करें।
बच्चों को बताया जाएगा क्या होते हैं प्राइवेट पार्ट्स
फिलहाल मेरठ के पांचकस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में मीना मंच द्वारा यह प्रोग्राम चलाया जा रहा है, जहां पर बच्चों को उनकी शारीरिक संरचना के बारे में बताया जाएगा। यही नहीं बालिकाओं व बालकों को समझाया जाएगा कि हमारे शरीर में कई अंग ऐसे होते हैं जो सब को दिखते हैं, परंतु कुछ अंग ऐसे होते हैं जिन्हें सिर्फ और सिर्फ हम देख या छू सकते हैं। उन्हें हम प्राइवेट पार्ट्स कहते हैं।
कई तरह की प्रतियोगिता के माध्यम से भी किया जाएगा बच्चों को जागरूक
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए पत्र में, दुर्व्यवहार तथा उपेक्षापूर्ण व्यवहार एवं दुष्कर्म के मामले रोकने के लिए विधिवत प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया गया है। बच्चों को जागरूक करने के लिए नाट्य प्रस्तुतीकरण, चित्रकला, कविता, पोस्टर मेकिंग, फोटोग्राफी, वाद-विवाद प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों को अच्छे और बुरे व्यवहार की जानकारी दी जाएगी। अभिभावकों को चाइल्ड लाइन, आशा ज्योति, पुलिस विभाग एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की जानकारी दी जाएगी।
सरकार की पहल की प्रशंसा
योगी सरकार की बच्चों में बढ़ते यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए इस सराहनीय पहल की हर कोई प्रशंसा कर रहा है। लोगों का कहना है कि पहले लोग आवासीय विद्यालयों में अपने बच्चों को भेजते हुए डरते थे। लेकिन जब पढ़ाई के साथ साथ अच्छे और बुरे स्पर्श का अंतर विद्यालयों में सिखाया जाएगा तो फिर बच्चे ऐसी घटनाओं से बच सकेंगे और काफी हद तक बच्चों के यौन उत्पीड़न के मामलों में कमी आएगी।