
मेरठ। भारतीय कृषि के परिदृश्य में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रोपड़ द्वारा संचालित एग्रीटेक इनोवेशन हब का मोदीपुरम स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (SVPUAT) के कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी में उद्घाटन हुआ। यह शुभारंभ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयन्त चौधरी, उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की उपस्थिति में संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम तकनीक और कृषि को एक साथ लाकर किसानों को सशक्त बनाने और भारत में कृषि के लिए एक उज्ज्वल, अधिक टिकाऊ भविष्य के निर्माण का लक्ष्य रखता है।
इस अवसर पर एग्रीटेक इनोवेशन हब, एग्रीटेक स्टार्टअप एंड टेक्नोलॉजी शोकेस का उद्घाटन किया गया और SVPUAT कैम्पस के भीतर “मॉडल स्मार्ट फार्म” में एक लाइव तकनीक प्रदर्शन देखा गया। इसका उद्देश्य किसानों तक सीधे नए विचार, अनुसंधान और सहायता पहुँचाना है और उन्हें विज्ञान और नवाचार के द्वारा आगे बढ़ने में मदद करना है। एग्री-टेक इनोवेशन हब में आईओटी-सक्षम सेंसर, स्मार्ट इरिगेशन सिस्टम, ऑटोमेशन टेक्नोलॉजीज और सटीक खेती तथा सस्टेनेबल कृषि को बढ़ावा देने के लिए एक रियल-टाइम एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म है। यह हब क्षेत्र-विशिष्ट, स्केलेबल सॉल्यूशेन को सह-निर्माण और अपनाने के लिए किसानों, प्रौद्योगिकीविदों, शोधकर्ताओं, इनोवेटर्स और राज्य कृषि विभागों, शिक्षाविदों और कृषि-तकनीकी स्टार्टअप के हितधारकों को एक साथ लाएगा। आईआईटी रोपड़ 75 लाख रुपए तक की प्रतिबद्धता के साथ आईओटी सेंसर, ऑटोमेशन सिस्टम और क्लाउड कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सहित अपने सीपीएस लैब घटकों में योगदान देगा।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान उपस्थित रहे। इस पहल को उन्होंने “समाज के लिए विज्ञान” का एक अनूठा उदाहरण बताते हुए इसकी सराहना की। इस दौरान उन्होंने शिक्षा, अनुसंधान और जमीनी स्तर पर विशेष रूप से कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और उभरती हुई तकनीकों के एकीकरण के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा समर्थित कृषि Annam AI के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (एआई सीओई) द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
लॉन्च के अवसर पर बोलते हुए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयन्त चौधरी ने कृषि तकनीक-संचालित प्रगति के एक नए युग को अपनाने के लिए ग्रामीण युवाओं और किसानों को समान रूप से सशक्त बनाने में हब के महत्व पर विशेष जोर दिया और तकनीक के साथ परंपरा को जोड़ने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “वास्तविक परिवर्तन तब शुरू होता है जब नवाचार मिट्टी में जड़ें जमा लेता है। आईआईटी रोपड़ की गहन तकनीक विशेषज्ञता द्वारा समर्थित मेरठ में एग्रीटेक इनोवेशन हब, केवल एक प्रोजेक्ट नहीं है, यह हमारे किसानों को सटीक कृषि के अग्रदूतों के रूप में सशक्त बनाने का एक आंदोलन है। यह एक सुविधा से कहीं ज़्यादा एक सहयोगात्मक पारिस्थितिकी तंत्र है, जहाँ किसान, शोधकर्ता और स्टार्टअप भविष्य के लिए टिकाऊ और स्केलेबल कृषि-समाधान बनाने के लिए एक साथ आते हैं। आखिरकार, तकनीक तभी सही मायने में सार्थक होती है जब वह उस जमीन पर जड़ें जमाए रखती है जिसका वह उत्थान करना चाहती है।”
हब में रियल-टाइन मॉनिटरिंग और निर्णय लेने के लिए एडवांस डेटा एनालिटिक्स प्लेटफ़ॉर्म की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा, आईआईटी रोपड़ कार्यान्वयन और चल रही निगरानी का समर्थन करने के लिए आईओटी, एआई और साइबर-फिजिकल सिस्टम (सीपीएस) में अपने डोमेन एक्सपर्ट्स के माध्यम से तकनीकी विशेषज्ञता और मार्गदर्शन प्रदान करेगा। इस पहल में वर्कऑप और सेशन के माध्यम से व्यापक प्रशिक्षण और ज्ञान हस्तांतरण शामिल है, जिससे सभी हितधारकों के लिए प्रभावी अपनाने और क्षमता निर्माण सुनिश्चित किया जा सके।
उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आईआईटी रोपड़ और SVPUAT के बीच साझेदारी की सराहना की और इसे खेती को आधुनिक बनाने, उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु लचीलापन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। आईआईटी रोपड़ और SVPUAT के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, जिसने अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास और फिल्ड डिप्लॉयमेंट में संयुक्त प्रयासों की नींव रखी।
आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रोफेसर राजीव आहूजा ने अपने संबोधन में कहा कि ANNAM.AI और iHub-AWaDH को भारतीय कृषि के लिए गहन-तकनीकी समाधान देने वाले राष्ट्रीय मंचों के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस अवसर पर SVPUAT के कुलपति प्रोफेसर केके सिंह ने किसान-केन्द्रित नवाचार और सामुदायिक भागीदारी के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
ANNAM.AI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. पुष्पेंद्र पी. सिंह ने हब के विज़न-स्मार्ट फार्म टूल्स, सीपीएस लैब, प्रशिक्षण और स्टार्टअप सपोर्ट को रेखांकित किया। एग्री-टेक इनोवेशन हब भारत की ग्रामीण विकास कहानी में एक नया अध्याय प्रस्तुत करता है, जहाँ तकनीक वास्तविक किसानों की ज़रूरतों पर आधारित है और जहाँ नवाचार लैब तक सीमित नहीं है, बल्कि खेती योग्य भूमि के हर एकड़ तक पहुँचता है। यह सुनिश्चित करने के सामूहिक संकल्प को दर्शाता है कि भारतीय कृषि न केवल देश का पेट भरती है, बल्कि उन लाखों लोगों का भरण-पोषण और सशक्तिकरण भी करता है जो इस पर निर्भर हैं। इस कार्यक्रम में तकनीकी शोकेस, किसान-केन्द्रित पहल और आगामी स्टार्टअप व स्किलिंग कार्यक्रमों की घोषणाएं भी शामिल थीं, जो उत्तर प्रदेश में भविष्य के लिए तैयार कृषि पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा में एक मजबूत कदम का संकेत है। किसानों और ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए कृषि विश्वविद्यालय से जुड़े कृषि विज्ञान केंद्रों और एफपीओ को शामिल किया जाएगा।