एमवे इंडिया सो प्रतिशत प्लास्टिक वेस्ट न्यूट्रल बना

एफएमसीजी डायरेक्ट सेलिंग कम्पनी एमवे इंडिया अपने विस्तारित उत्‍पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) संग्रहण के आधार पर 100% पोस्ट-कंज्यूमर प्लास्टिक वेस्ट का प्रबंधन करने और एमवे विनिर्माण सुविधा में उत्पन्न 100% प्री-कंज्यूमर प्लास्टिक वेस्ट रिसाइकल करने के बाद प्री और पोस्ट कंज्यूमर प्लास्टिक वेस्ट न्यूट्रल कंपनी बन गई है। कंपनी ने 800 मीट्रिक टन पोस्ट-कंज्यूमर प्लास्टिक वेस्ट संग्रह और रिसाइकल किया है, जो 5 करोड़ यूनिट से अधिक प्लास्टिक प्रोडक्ट वेस्ट के प्रबंधन के बराबर है जिसमें विभिन्न आकार की बोतलें, ट्यूबें, कैप, जार और पाउच शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, इसने प्री-प्लास्टिक वेस्ट न्यूट्रलिटी प्राप्त करने के लिए अपने विनिर्माण संयंत्र में 100% खतरनाक प्रोडक्ट्स और प्लास्टिक वेस्ट रिसाइकल और फिर से इस्तेमाल किया है। 

इस उपलब्धि पर टिप्पणी करते हुए, एमवे इंडिया के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट, रेगुलेटरी अफेयर्स, आदिप रॉय ने कहा, “एमवे में, स्वस्थ धरती के प्रति हमारी प्रतिबद्धता हमारे प्रोडक्‍ट्स, प्रक्रियाओं और फिलॉसफी में परिलक्षित होती है। संवहनीयता केवल अनुपालन से नहीं जुड़ी है बल्कि एमवे की संस्कृति का अंतर्निहति हिस्सा है। प्री और प्रोस्‍ट-कंज्‍यूमर प्लास्टिक वेस्ट न्यूट्रलिटी हासिल करना हमारी उपलब्धियों में से एक है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, हम अपने प्रोडक्‍ट्स की बोतलों को रिसाइकल किए गए प्लास्टिक से बनाकर हम जो परिकल्पना कर रहे हैं, उसके अनुरूप प्लास्टिक वेस्ट पॉल्यूशन कम से कम करने के तरीकों को पता लगाना जारी रखेंगे। हम दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाकर और आने वाली पीढ़ियों की फलने-फूलने में मदद कर अधिक संवहनीय कंपनी बनने के प्रति प्रतिबद्ध और दृढ़संक‍ल्‍प हैं।” एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में, एमवे इंडिया प्लास्टिक वेस्‍ट के प्रबंधन के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) में पंजीकरण कराने वाले देश के पहले ब्रांड स्‍वामियों में से एक है।

अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के तहत एमवे इंडिया ने तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में अपने विनिर्माण संयंत्र के आसपास जल संरक्षण परियोजना शुरू की है। भूजल स्तर बढ़ाने का उद्देश्य रखने वाली इस परियोजना से कृषि और पेयजल उद्देश्यों से पानी की कमी कम करने में मदद मिली है। जल संरक्षण परियोजना से 7 गाँवों में भूजल स्तर में सुधार आया है, जिससे किसानों सहित 10,000 से अधिक लोगों को फायदा पहुँचा है।

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