साहिल हत्याकांड:सीएम दरबार पहुंची पीड़ित मां जांच अधिकारी पर आरोपियों को बचाने का आरोप

लखनऊ— जौनपुर जिले के बदलापुर थाना क्षेत्र के उदपुर गांव में हुए साहिल सिंह हत्याकांड ने पूरे जिले को दहला दिया था। 22 वर्षीय साहिल सिंह को 14 नवंबर 2024 को गांव के दबंगों ने बेरहमी से अगवा कर हत्या कर दी थी। दस माह बाद अब इस मामले में पीड़ित मां योगिता सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दरबार में इंसाफ की गुहार लगाई है।

वही पीड़िता विधवा योगिता सिंह का आरोप है कि उनके इकलौते बेटे की हत्या के बावजूद मुख्य आरोपी सुधीर सिंह उर्फ सुड्डू को बचाने के लिए सरकारी अधिवक्ता लाल बहादुर पाल और विवेचक विनोद मिश्रा ने साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर मिलीभगत का आरोप लगाया है। पीड़िता ने मुख्यमंत्री को दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा कि यह न्याय व्यवस्था और कानून के साथ आरोपी खुला मजाक कर रहे है। मामले की शुरुआत 3 दिसंबर 2023 से हुई थी, जब आरोपियों ने घर में घुसकर साहिल और उसकी मां पर हमला किया और हत्या की नीयत से बुरी तरह पीटा। उस समय पीड़िता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन दबंग लगातार मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाते रहे। आरोपियों की तरफ से कई बार फोन कर समझौते और सुलह का दबाव भी बनाया गया। इसके बाद 14 नवंबर 2024 को आरोपियों ने योजना बनाकर साहिल को अगवा किया और लाठी-डंडों से पीट-पीटकर अधमरा करने के बाद गोली मार दी। घटना के बाद पुलिस ने सुधीर सिंह, अनुराग सिंह, सतीश सिंह गोलू, अनुज सिंह, मोहित सिंह और उत्तम सिंह सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

पीड़िता विधवा योगिता सिंह का आरोप है कि मुख्य आरोपी सुधीर सिंह की जमानत अर्जी को इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था,लेकिन इसे अदालत से छुपाकर सरकारी वकील और विवेचक ने मिलकर सुधीर को जमानत दिला दी। यही नहीं,आरोपी की पैरवी करते हुए सुधीर के बेटे सतीश सिंह गोलू और ओम सिंह का नाम मुकदमे से निकलवा दिया गया। विधवा योगिता सिंह का कहना है कि उनके पति की पहले ही मौत हो चुकी है और अब इकलौते बेटे की हत्या कर बदमाशों ने उनका सहारा छीन लिया। इसके बावजूद आज भी दबंगों के हौसले बुलंद हैं और वे खुलेआम दबंगई कर रहे हैं। पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि सभी आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हो, विवेचक व अधिवक्ता की भूमिका की जांच कर सख्त कदम उठाए जाएं और हत्यारों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जाए। वही क्षेत्राधिकारी का कहना है कि मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की गई है। अगर पीड़िता को आरोपियों से किसी प्रकार की परेशानी हो रही तो वह उसकी जानकारी उच्चधिकारियों या थाने पर दे सकती है। जिसकी जांच उपरान्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जोयगी। उनकी पहली प्राथमिकता अपराध एवं अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।

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