
दोषी फर्म पर कार्रवाई न होने से अधिकारी की कार्यशैली पर हो रहे हैं सवाल खडे
हापुड़। जिलाधिकारी के निर्देश पर हुई सख्त कार्रवाई में प्रशासन ने गरीबों के अनाज में पानी मिलाकर वजन बढ़ाने वाली फर्म पर बड़ी कार्यवाही करते हुए एडीएम (न्यायिक) ने एक माह पूर्व बड़ा फैसला सुनाते हुए फर्म के आठ ट्रकों को राज्य सरकार के पक्ष में अधिग्रहीत करने और ₹32,000 से ₹1,47,000 तक का जुर्माना लगाते हुए जिला खाद्य विपणन अधिकारी को फर्म पर कार्रवाई करने के आदेश दिया है। जिस पर जिला खाद्य विपणन अधिकारी ने आजतक फर्म के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाही नही किए जाने को लेकर अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रशनचिन्ह खडे हो रहे है
आपको बात दे कि 22 अगस्त 2025 को मेरठ रोड स्थित एफसीआई से गाजियाबाद के गरीबों के लिए भेजे जा रहे सरकारी अनाज में गड़बड़ी की सूचना जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय को मिली। जिसकी सूचना एवं जांच के एक टीम का गठन कर मामले की जांच के बाद गाजियाबाद के जिला खाद्य विपणन अधिकारी कौशल देव की तहरीर पर नगर कोतवाली में फर्म सहित सभी आठ ट्रकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। वही जांच में सामने आया कि फर्म के ट्रक चालक और अन्य कर्मियों ने मोदीनगर रोड स्थित एक होटल पर ट्रकों को रोककर गरीबों को दिए जाने वाले अनाज की बोरियों में पानी मिला दिया, ताकि वजन बढ़ाकर धोखाधड़ी की जा सके। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की टीम मौके पर भेजी थी।
जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद ट्रक जब्त कर दिए गए। वही एडीएम (न्यायिक) के आदेश में कहा गया है कि फर्म यह साबित करने में असफल रही कि उसके वाहन उसकी जानकारी के बिना इस्तेमाल हुए। इसलिए आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6(ए) के अंतर्गत सभी आठ ट्रक राज्य सरकार के पक्ष में अधिग्रहीत किए जाते हैं। साथ ही जुर्माना न भरने की स्थिति में वाहनों की नीलामी कराने का आदेश दिया गया है। आदेश के अनुपालन की जिम्मेदारी जिले की उच्च अधिकारियों को सौंप गई
उक्त कार्रवाई से एफसीआई और खाद्य विभाग में हड़कंप मच गया है। जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय का कहना है कि गरीबों के हक पर डाका डालने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।