
हापुड़ – लोकतांत्रिक व्यवस्था में कभी-कभी कुछ ऐसे मामले सामने आते हैं, जो लोगों को परेशान करते हैं। खासकर जब सरकारी नीतियों और अधिकारियों के निर्णय सीधे जनता की जिंदगी पर असर डालते हैं। हापुड़ में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है, जहां नगर पालिका के द्वारा भारी गृहकर जलकर टैक्स में वृद्धि की योजना बनाई जा रही है, जो शहरवासियों के लिए चिंता का कारण बन चुकी है। आप को बता दे 2013 में 10 से 15 प्रतिशत गृहकर जलकर टैक्स बढ़कर शहर की जनता के लिए परेशानी खड़ी कर दी थी अभी नगर पालिका करीब 50% ही टैक्स की ओ करने में कामयाब रही ऐसे में 10 से 15 गुना गृहकर जलकर टैक्स बढ़ाने का एक बार फिर बढ़ाने का प्रयास कर रही है पहले महंगाई की मार झेल रही जनता को नगर पालिका ने गृहकर जलकर भारी टैक्स लगा कर परेशानी में डाला था, और अब एक बार फिर नगर पालिका शहर की जनता पर टैक्स बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इस बढ़ोतरी के कारण शहरवासियों का बजट गड़बड़ाने की संभावना है। प्रदेश की अन्य नगर पालिकाओं में जहां टैक्स वृद्धि को ध्यान में रखते हुए नागरिकों की परेशानियों और मौजूदा महंगाई की स्थिति को ध्यान में रखा जा रहा है, वहीं हापुड़ में प्रशासन का रवैया कुछ अलग ही दिख रहा है। यह सवाल उठने लगा है कि क्या नगर पालिका के अधिकारियों और नेताओं के निर्णयों में कोई छिपा हुआ खेल तो नहीं चल रहा है, खासकर जब यह देखा गया है कि नगर पालिका में अरबों रुपये के भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच भी चल रही है। कई माननीय रंक से राजा बनकर मलाई मार रहे है। शहर की जनता को टैक्स के बदले मिलने वाली सुविधाऐं। उॅंट के मुंह में जीरा साबि हो रही है। नगरीय विकास और शासन की दिशा में पारदर्शिता की कमी को लेकर शहरवासियों में आक्रोश बढ़ रहा है। कई संगठन के लोगों ने विरोध करना भी शुरू कर दिया। नगर पालिका द्वारा टैक्स में इतनी भारी वृद्धि की योजना सिर्फ आम जनता के लिए संकट का कारण बनेगी। शहर में पिछले कुछ वर्षों में कई नेता और अधिकारी सत्ता में आए हैं, लेकिन उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच लगातार चलती रही है। ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या इन बढ़े हुए टैक्सों का उद्देश्य कुछ और ही है। जनता के बीच यह चर्चा हो रही है कि क्या नगर पालिका प्रशासन के इस कदम से कुछ लोगों के स्वार्थ की पूर्ति हो रही है, जबकि आम लोग महंगाई और बढ़े हुए टैक्स के बोझ तले दबते जा रहे हैं।अब यह देखना होगा कि क्या प्रशासन और नगर पालिका इस मुद्दे पर पारदर्शिता और जिम्मेदारी से कदम उठाते हैं, ताकि शहरवासियों को राहत मिल सके। वही नगर पालिका के कर निधारण अधिकारी एससी भारती का कहना है शासन की नियमावली 2024 जो पूरे प्रदेश में लागू है। उसके तहत हम कार्य कर रहे है। स्थानीय लोगों से आपत्ति मांगी जा रही है। जो शहर की जनता के हित में होगा उस पर ही निर्णय लिया जायेगा। किसी को भी परेशानी नही होने दी जायेगी।