समरसता का भाव है सबको समान समझना- राजकुमार

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ब्रजघाट – गंगानगरी में आशीष शर्मा के आवास पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद और कवि राजकुमार हिंदुस्तानी ने कहा कि सामाजिक समरसता राष्ट्र की मजबूती का आधार है। समरसता का भाव है। समाज में सभी को समान समझना चाहिए। अच्छे नैतिक मूल्यों को जीवन में आत्मसात करने वाला व्यक्ति ही समाज में सम्मानित होता है। सामुदायिक भागीदारी से व्यक्ति में निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। समाज में सहभागिता व्यक्ति में नेतृत्व के साथ सदभावना का विकास करती है। गोष्ठी का संचालन करते हुए कोच सुबोध यादव ने कहा कि पुरातन भारतीय संस्कृति किसी के साथ कोई भेदभाव नही करती है। एक स्वस्थ वातावरण में ही व्यक्ति का मन शांत रहता है।  कार्यक्रम में राष्ट्रीय खिलाड़ी आरोही शर्मा ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए। एक श्रेष्ठ व्यक्ति वही है जो अपनी संस्कृति को कभी नही भूलता। गोष्ठी में सभी शिक्षकों छात्रों और नगरवासियों ने शिक्षित बनकर राष्ट्र सेवा का संकल्प भी लिया। इस मौके पर नव्या, पीहू, चंचल, कृष्णा, धैर्यंश, कुलदीप, आयुष, यश तोमर के साथ दर्जनों लोग मौजूद रहे|

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