गांधारी बना प्रदूषण विभाग, जहरीला धुएं के साए में जीने को मजबूर ग्रामीण

देश व प्रदेश की सरकारें प्रदूषण से जनमानस को होने वाली परेशानी को लेकर फैक्ट्ररियों से निकलने वाले जहरीले धुंऐ की रोकथाम के लिए प्रदूषण विभाग को समय—समय पर कडे निर्देशों के साथ—साथ उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए निर्देशित करती रहती हैं। आये दिन एनजीटी भी प्रदूषण फैला रही फैक्ट्ररियों के खिलाफ कार्रवाई करने व उनके उपर जुर्माना लगाने कार्रवाई के मामले आये दिन सामने आते रहते है। जिसके बाद भी उक्त फैक्ट्ररियों के चिमनी से निकलने वाला जहरीला धुंआ रूकने का नाम नही ले रहा है। प्रदूषण विभाग के अधिकारियों का रटा—रटाया जबाब जांच कर कार्रवाई की बात कहकर पल्ला झाड़ते नजर आते है।
देश व प्रदेश की सरकारें पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए जी-तोड़ प्रयास कर रही है। वहीं गांव ततारपुर की आबादी के आसपास बनी फैक्ट्ररियां वातवरण को दूषित करने में कोई कोर कसर नही छोड़ रही है। जिससे ना केवल स्थानीय ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है बल्कि सरकार की जनहिताय नीतियों की भी धज्जियां जहरीले धुंऐ के उड़ती नजर आ रही है। गांव ततारपुर में जो फैक्ट्री लगी हुई है। सुत्रों की माने तो फैक्ट्ररियों में प्रतिदिन प्रतिबंधित सामग्री को जलाया जाता है। जिससे फैक्ट्ररियों से निकलने वाला जहरीला धुआं ग्रामीण क्षेत्र की आबोहवा को बुरी तरह प्रदूषित करता नजर आ रहा है। सफेद कपड़ा यदि खुले में रख दिया जाए तो थोड़ी देर में ही वह काला हो जाता है।
वही फैक्ट्ररियों से निकले वाले जहरीले धुंए पर नियंत्रण नहीं किया गया तो यह फैक्ट्ररियों बहुत जल्द इलाके को गंभीर बीमारियों की चपेट में ले सकती है।
जानकारों की माने तो स्थानीय ग्रामीणों ने उक्त फैक्ट्ररियों की शिकायत जिला प्रशासन से अनेकों बार की गई। मगर आज तक फैक्ट्ररियों की चिमनियों से निकलने वाला जहरीला धुंआ रूकने नाम नही ले रहा है। मानों फैक्ट्ररियों ने निकलने वाला जहरीला धुंआ नियमों के मुंह पर कालिक पोता नजर आ रहा है।

अधिकारी कहिन…

वही प्रदूषण विभाग के सहायक अभियंता विपुल कुमार का कहना कि फैक्ट्ररियों द्वारा प्रदूषित धुंआ निकलने का मामला उनके संज्ञान में आया है उक्त मामले में जांच कर कार्रवाई की जायेगी। ऐसी फैक्ट्ररियां जो वार्तवरण को दूषित कर रही उन्हे चिन्हित कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी।