आये दिनों सुरखियों में रहने वाला वन विभाग आज कल फिर सुरखियों में है। प्रभागीय वनाधिकारी के कार्यलय में तैनात व्यक्तिक सहायक पर विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने लगाया भ्रष्टाचार व उत्पीड़न का आरोप लगाया है व प्रधान मुख्य वन संरक्षक को शिकायती पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की है।
आपको बता दे कि आये दिन अपने भ्रष्टाचार एवं दबंगई जैसे कारनामों को लेकर सुरखियों में रहने वाला वन विभाग आजकल फिर एक बार सुरखियों में है। तत्कालीन प्रभागीय वनाधिकारी रहे राजेश निगम एवं अन्य अधिकारियों के कारनामों ने सरकार एवं शासन के उच्चधिकारियों की साख को धूमिल करने को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहा।
जिन्होने योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंसी को ठेंगा दिखा कर अपने निजि स्वार्थ को पूरा कर सरकार की छवि को धूमिल करने वाले अधिकरियों के खिलाफ कुछ माह पूर्व शासन द्वारा कड़ी कार्यवाही कर जिले के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सुधरने की कड़ी चेतावानी दी थी। मगर कुछ समय बीत जाने के बाद वन विभाग का प्रभागीय जिला कार्यालय फिर उसी पुराने भ्रष्टाचार उत्पीडन जैसे कारनामों को लेकर मशहूर होता नजर आ रहा है।
सूत्रों की माने तो कुछ समय बीत जाने के बाद प्रभागीय वनाधिकारी संजय मल के संरक्षण में व्यक्तिक सहायक खालिद जो पिछले 12 वर्षो से जिले में तैनात है। उस अपने रसूक व दबंगई के दम पर फिर भ्रष्टाचार का खेल शुरू कर दिया। जिसके चलते आज वन विभाग का जिला कार्यालय कम अखाड़ ज्यादा नजर आ रहा है। प्रभागीय वनाधिकारी संजय मल के व्यक्तिक सहायक खालिद ने विभाग में तैनात सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों निजि स्वार्थ के चलते उन्हे डरा धमका कर उन से सरकार की नीतियों के खिलाफ अनैतिक कार्य कराने के आरोप लगाते हुए। समस्त पीड़ित अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की है।
जिसके बाद से स्थानीय विभाग से लेकर शासन तक हड़कम्प मचा हुआ है। प्रभागीय वनाधिकारी संजय मल ने भी मीड़िया से दूरी बनाते हुए चुप्पी साध रखी है। वही उक्त मामले को लेकर प्रभागीय वनाधिकारी संजय मल के मोबाईल नम्बर कई बार सम्पर्क साधने की कोशिश की गई उन्होंने फोन नही उठाया।