
हापुड़ । नीर फाउंडेशन के संस्थापक नदी पुत्र रमनकांत त्यागी के आग्रह पर मंगलवार को नमामि गंगे की तकनीकी टीम ने गांव दत्तियाना पहुंचकर नीम नदी के उद्गम स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने नीम नदी को पुनर्जीवित करने के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की।
पिछले सप्ताह ही नदी पुत्र रमन कांत त्यागी द्वारा नमामि गंगे के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र से मिलकर आग्रह किया गया था कि जो कार्य समाज व प्रशासन के साथ मिलकर नीर फाउंडेशन द्वारा काली व नीम नदी के लिए किया जा रहा है उसमें नमामि गंगे अपनी तकनीकि सलाह देकर कार्य को बेहतर करने में मदद करें। रमनकांत के इस आग्रह को स्वीकार करते हुए नमामि गंगे के डीजी द्वारा टीम सदस्य तकनीकी टीम का गठन कर दिया गया।
इसमें छोटी नदियों के विशेषज्ञ हरीश महावर, जैव-विविधता विशेषज्ञ हरचरण सिंह व भूजल विशेषज्ञ आलोक श्रीवास्तव हैं। मंगलवार को टीम के सदस्य जनपद मुजफ्फरनगर में काली नदी के उद्गम स्थल अंतवाड़ा और गांवड़ी में पहुंचे। इसके बाद दोपहर बाद टीम के सदस्य हापुड़ के गांव दत्तियाना में नीम नदी के उद्गम स्थल पर पहुंचे। यहां रमनकांत त्यागी ने टीम के सदस्यों को नदी को पुनर्जीवित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। रमनकांत त्यागी ने बताया कि नमामि गंगे की टीम ने दत्तियाना में नीम नदी का कार्य देखा। नदी सुधार के लिए मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में किए जा रहे प्रयासों को तकनीकी रूप से और कैसे बेहतर किया जाए इसके संबंध में वे अपनी रिपोर्ट नमामि गंगे के महानिदेशक को सौंपेंगे।
