
हापुड़— पी.एस.डी. सीनियर सेकेंडरी स्कूल में विश्व हिंदी प्रसार मंच द्वारा एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मंच के अध्यक्ष श्री लौकेश कुमार शर्मा ने बच्चों में स्मार्टफोन के बढ़ते दुरुपयोग पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को सीमित समय के लिए ही स्मार्टफोन के इस्तेमाल की अनुमति दें और उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखें। उन्होंने बताया कि मनोचिकित्सकों के अनुसार मोबाइल एडिक्शन बच्चों को अवसादग्रस्त और हिंसक प्रवृत्ति वाला बना रहा है। यदि इस पर रोक नहीं लगाई गई तो भविष्य में हर घर में मानसिक तनाव और अवसाद से ग्रस्त लोगों की संख्या बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को स्मार्टफोन के दुष्प्रभावों के बारे में समझाएं और इसकी लत छुड़ाने के प्रयास करें। युवाओं में साहित्य और संस्कृति के प्रति रुचि बढ़ाने की आवश्यकता। कार्यक्रम में युवाओं में गंभीर साहित्य के प्रति घटते रुझान पर भी चिंता जताई गई। श्री शर्मा ने कहा कि आज का युवा वर्ग गंभीर साहित्य से दूर होता जा रहा है, जिससे समाज में चिंतनशील और विवेकशील नागरिकों की कमी महसूस की जा रही है।उन्होंने कहा कि यदि हमें एक संस्कारवान और बौद्धिक रूप से सशक्त समाज का निर्माण करना है तो हमें अधिक से अधिक पुस्तकालय खोलने होंगे और युवाओं को साहित्य की ओर प्रेरित करना होगा। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह परंपरा संस्कृति और संस्कारों का अद्भुत संगम है, जिसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाना बेहद जरूरी है। हमें कला और संस्कृति की रक्षा करनी होगी और साहित्य धरोहरों के बारे में जागरूकता बढ़ानी होगी, ताकि आने वाली पीढ़ी इनसे प्रेरणा ले सके। इस अवसर पर श्री राजकुमार, वेद प्रकाश निमेष सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सभी ने स्मार्टफोन के दुरुपयोग को रोकने और साहित्य को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।