साहब को है किसका संरक्षण……

सीएम योगी और डीएम के आदेशों की क्यों उडाते है साहब धज्जियां

डीएम सहित अन्य अधिकारी है साहब के रवैये से परेशान

डीएम ने सरकारी कार्यो सहयोग नही करने कार्यवाही के लिखा शासन को पत्र

डीएम के नोटिसों का भी साहब पर नही पड़ता कोई फर्क

योगी सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को सही से निर्वाह नही करने वाले अधिकारियों पर पेनी नजर रहती है। वही जिले के वन विभाग में डीएफओ पद पर तैनात साहब के लिए योगी सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों और उच्चधिकारियों के दिशा निर्देश कोई मायने ही नही रखते है। ऐसा हम यू ही नही कह रहे है। डीएम के द्वारा 20 नबम्वर को शासन और कमिश्नर को लिखे पत्र ने साहब के सारे कारनामों की पोल खोल दी।

आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से जिले का वन विभाग अपने भ्रष्टाचार व मारपीट के सहित कार्यवाहक डीएफओ के कारनामों को लेकर सुखियों में है। डीएफओ संजय मल्ल के कारनामों की पोल डीएम प्रेरण शर्मा के उस पत्र से खुल गई जिसमें डीएम ने संजय मल्ल के कारनामों को बिन्दुवार लिख कर उसकी शिकायत अपर मुख्य ​सचिव सहित मेरठ कमिश्नर और प्रधान मुख्य वन संरक्षक विभाग से की गई। जिसके बाद भी कार्यवाहक डीएफओ संजय मल्ल के कार्य व कारनामों में कोई फर्क नही आया। जोकि जिले में डीएफओ साहब के कारनामों की चर्चा आम बात हो रही है। आखिरकार योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को भी महत्व देते डीएफओ डीएम प्रेरणा शर्मा ने डीएफओ संजय मल्ल को सीएम योगी आदित्यनाथ के जिले में हुए अनुसूचित जाति वर्ग का सम्मेलन जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में वीआईपी पाार्किंग में डयूटी की जिम्मेदारी दी थी। जिन आदेश को डीएफओ संजय मल्ल ने तांक पर रख दिया। योगी सरकार की महत्वकांक्षी योजना गंगा एक्सप्रैसवे परियोजना के कार्य में भी संजय मल्ल ने गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाया जिससे कई ​माह तक कार्य प्रभावित रहा। जिसके चलते जिला प्रशासन को किसान संगठनों कई आमने—सामने व धरना प्रर्दशन हुआ। कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले मेले में जहां 30 से 35 लाख श्रृद्वालूओं आते। जिसमें कमिश्नर से लेकर एडीजी समस्त जिला का पुलिस प्रशासन महीनों पहले तैयारी शुरू कर देते। जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा ने जब संजय मल्ल को फोन किया तो उन्होने उनका फोन नही उठा और अपने अधिनिस्थ क्षेत्रीय वनधिकारी को मेले में भेज दिया और संजय मल्ल ने मैसेज करवा दिया। कि वह निजि कार्य को लेकर 28 नवम्बर 2023 तक छुटटी पर है। जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा ने संजय मल्ल की छुटटी के बारे में वन विभाग मेरठ के मुख्य वन संरक्षक एन के जानू से बात कर जानकारी कि गई तो एन के जानू ने संजय मल्ल को किसी प्रकार की छुटटी नही देने की बात कही। डीएम प्रेरणा शर्मा ने संजय मल्ल को उनके कारनामों को लेकर तीन बार कारण बताओं नोटिस दिया। उक्त कार्यवाही का संजय मल्ल पर कोई असर होता नही दिखाई दे रहा है। अखड़ा बन चुका वन विभाग कार्यलय, के कारनामों का चिठठा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी सीएम एवं वन मंत्री सहित विभाग के उच्चधिकारियों को शिकायती पत्र लिखकर कारनामों से अवगत करा कार्यवाही की मांग की है। मामले में खानापूर्ति करते हुए मेरठ रेंज के मुख्य वन संरक्षक एन के जानू ने 21 दिसम्बर को वैयक्तिक सहायक बाबू खालिद पर कार्यवाही करते हुए अपने कार्यालय से सम्बद्व करने के आदेश कर दिये। डीएफओ संजय मल्ल ने उच्चधिकारियोंं के आदेशों को दरकिनार कर अपने वैयक्तिक सहायक बाबू खालिद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को नजर अंदाज करते हुए। कई दिनों तक डीएफओ ने अपने वैयक्तिक सहायक बाबू खालिद को कार्यालय किसी भी वक्त आने जाने की आजादी और दे दी। जिसके चलते सोमवार 25 दिसम्बर की रात को वन दरोगा संजीव कुमार वैयक्तिक सहायक बाबू खालिद से यह पूछा मंहगा पड़ा कि जब आपका स्थानांतरण हो गया है। तो सरकारी फाईलों को थेले में क्यों भर रहे हो इस बात को लेकर वैयक्तिक सहायक बाबू खालिद व वन दरोगा संजीव में जमकर मारपीट हो गई। वही उक्त प्रकरण में मेरठ रेंज के मुख्य वन संरक्षक एन के जानू से बात कि गई तो उन्होने बताया डीएफओ के वैयक्तिक सहायक बाबू खालिद को अपने कार्यलय से सम्बद्व करने की कार्यवाही की गई है। डीएफओ संजय मल्ल के खिलाफ डीएम द्वारा कार्यवाही के लिए शासन एवं विभाग को ​शिकयती पत्र लिखा गया। जिस पर अब शासन और विभाग के उच्चधिकारियों को निर्णय लेना है।