
प्रदेश की योगी सरकार ने सत्ता सभालते ही प्रदेश की समस्त प्रकार की सरकारी भूमि पर हो रहे अवैध कब्जों को लेकर सख्त है। वही अधिकारियों को भी निर्देशित कर सरकारी भूमि पर किसी के द्वारा अवैध तरीके से कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्यवाही कर भूमि को कब्जा मुक्त करायें जाने के आदेश प्रदेश भर के अधिकारियों को दे रखे है। जिले के कुछ अधिकरियों की कार्यशैली उक्त आदेशों से मानों अंजान नजर आ रही है।
आपको बता दे कि पिलखुवा के गांव खेड़ा के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता रामभरोसे तोमर ने करीब सात माह पूर्व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर धौलाना तहसील कम्पाउड़ के करीब धौलाना ग्रामसभा के खसरा संख्या 465 की करीब 209.10 वर्गगज भूमि का कुछ दबंग लोगों पर फर्जी तरीके से बैनामा कर बेचने का आरोप लगाते हुए उक्त भूमि पर अवैध निर्माण कर कब्जा करने का आरोप भी लगाया है। उक्त शिकयती पत्र की एक कॉपी जिलाधिकारी को भी दे दी। जिस शिकायती पत्र पर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी को जांच के आदेश दे दिए। वही आरटीआई कार्यकर्ता रामभरोसे तोमर मुख्यमंत्री को पत्र लिखने एवं जिलाधिकारी को सात माह पूर्व शिकायत करने के बाद भी कार्यवाही भी रामभरोसे ही करने का आरोप लगाते हुए। आरटीआई कार्यकर्ता रामभरोसे तोमर दूसरी बार मुख्यमंत्री को शिकयती पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग की है। कार्यवाही नही होने पर वह कोर्ट का रूख कर पीआईएल दाखिल करेगें।
अधिकारी कहिन……
अपर जिलाधिकारी संदीप सिंह का कहना कि उक्त मामले एक पत्र जिलाधिकारी महोदया द्वारा प्राप्त हुआ था। जिस पर उन्होंने स्थानीय प्रशासन से जांच के बाद रिर्पोट मांगी गई है। जिसके आने के बाद उक्त लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। जिले में किसी को भी सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से कब्जा नही करने दिया जायेगा।