हिंदी में बोलें सभी मीठे मीठे बोल


● अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर हुआ कार्यक्रम
● मातृभाषा को बढ़ावा देने का लिया गया संकल्प

गढ़मुक्तेश्वर – अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर हुए कार्यक्रम में हिंदी में बोलें सभी मीठे मीठे बोल वाली कविता को जमकर सराहते हुए श्रोताओं ने राष्ट्रभाषा हिंदी को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव लुहारी में विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया। जिसमें शिक्षाविद् और ओजस्वी कवि राजकुमार हिंदुस्तानी ने हिंदी में बोलें सभी मीठे मीठे बोल, हिंदी भाषा है मधुर हिंदी है अनमोल कविता सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। उन्होंने बताया कि प्रथम विश्व हिंदी दिवस 2006 में नागपुर में औपचारिक रूप से मनाने की घोषणा हुई थी, जिसके पश्चात नार्वे में स्थित भारतीय दूतावास में प्रथम बार विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था। शिक्षक धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि 2024 में विश्व हिंदी दिवस का विषय  हिंदी पारंपरिक ज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को जोडऩा है। जूडो प्रशिक्षक सुबोध यादव ने कहा हिंदी को 1949 में राजभाषा घोषित किया गया था, जो धीरे धीरे समूचे विश्व में अपना मुकाम हासिल करती जा रही है। विवेक शर्मा ने कहा कि 2017 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में सूर्य नमस्कार शब्द के साथ कई शब्द जोड़े गए थे। नुककड़ सभा में हरेंद्र सिंह, सतवीर सिंह, दीपू, काजल, कीर्ति, उमा समेत काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे, जिन्होंने हरसंभव स्तर पर हिंदी को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। इसके अलावा गढ़ के देव मैमोरियल पब्लिक स्कूल में भी हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में विचार गोष्ठी का आयोजन कर बच्चों को विभिन्न पहलुओं पर मह्तवपूर्ण जानकारी दी गई।

Please follow and like us:
Pin Share