
गढ़मुक्तेश्वर – ब्रह्मम कुटी जगन्नाथ धाम न्यास, बजघाट गढ़मुक्तेश्वर के तत्वावधान में आज एक संत सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता न्यास अध्यक्ष बोर सिंह ने की तथा मार्गदर्शन स्वामी बहमगिरि महाराज ने प्रदान किया।

वही बैठक में संतों ने गौमाता की दुर्दशा पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि भारतीय संस्कृति की जड़ें गोसंस्कृति से जुड़ी हुई हैं। संत समाज ने एक स्वर में घोषणा की कि “गौ रक्षा के बिना राष्ट्र रक्षा सम्भव नहीं।” संत श्री कृष्णानन्द जी ने सरकार से गौमाता को राज्य माता का दर्जा देने की माँग रखी। इसके लिए उन्होंने माँ गंगा के समक्ष संकल्प लेकर एक ही बार में 5100 डुबकियाँ लगाईं। इस अवसर पर हाल ही में वैष्णो देवी यात्रा में आई आपदा के पीड़ित श्रद्धालुओं के लिए सामूहिक प्रार्थना की गई और श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
स्वामी बहमगिरि महाराज ने समाज से आह्वान किया कि प्रत्येक नागरिक प्रतिदिन समय निकालकर गौसेवा की परंपरा विकसित करे, जिससे राष्ट्र की समृद्धि और संस्कृति की रक्षा हो सके। सम्मेलन में प्रमुख रूप से अन्त सूर्यानन्द जी महाराज, प्रवीणानन्द जी महाराज, सन्त धारे दास जी, बी.टी.ओ. सन्त सुरेश गिरि जी महाराज, सन्त चन्द्रकान्त गिरि जी, सेवानाथ जी, गौतमदास जी, रजत चौहान जी, ममता भारद्वाज जी, श्री बाल पुरी भीमगिरि जी महाराज सहित अनेक संत और श्रद्धालु उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन स्वामी सत्यानन्द जी ने किया तथा आयोजन में चन्द्रकिरण देव का विशेष योगदान रहा।