
● तहसील मुख्यालय पर चल रहा बेमियादी धरना जारी
● तीसरे दिन भी सैकड़ों कार्यकर्ता धरना स्थल पर डटे रहे
● समस्या निस्तारण और भ्रष्टाचार पर अंकुश की हो रही मांग
गढ़मुक्तेश्वर – केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह किसान विरोधी बताते हुए भाकियू टिकैत के कार्यकर्ताओं ने हंगामा और नारेबाजी करते हुए तहसील मुख्यालय पर कृषि कानूनों की प्रति जलाईं। राष्ट्रीय हाईकमान के आह्वान पर भाकियू टिकैत से जुड़े कार्यकर्ताओं ने तहसील मुख्यालय पर केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों की प्रति जलाईं। इस दौरान भाकियू में चल रही खेमाबंदी भी खुलकर सामने आ गई, क्योंकि दोनों ही खेमों ने अलग अलग ढंग में प्रति फूंकते हुए इस आड़ में अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी किया। जिलाध्यक्ष दिनेश खेड़ा से जुड़े गुट में तहसील अध्यक्ष श्याम सुंदर त्यागी, सुंदर गुर्जर, उमेश राणा, नवीन त्यागी, अंकित त्यागी, दिलशाद, अहमद, बाबू शर्मा, भीम सिंह, हेमसिंह, देवीशरन, ओमवीर सिंह, विनोद शर्मा, जन्म सिंह, पुष्पेंद्र कुमार, सुरेंद्र सिंह, युवा जिला अध्यक्ष ज्ञानेश्वर त्यागी, कुलदीप राठी, जिला संरक्षक प्रेमवीर सिंह, धर्मवीर सिंह, महिलपाल गुजराल, महिला जिला अध्यक्ष नीलम त्यागी, रविंद्र सिंह, फरमान खान, मुनव्वर अली, शहाबुद्दीन, विनोद शर्मा, ओमबीर सिंह, साजिद आदि शामिल रहे। मंडल प्रवक्ता दिनेश त्यागी और युवा मंडल अध्यक्ष जीते चौहान के खेमे में जसवंत गिरि, सेवाराम चौहान, वीरेंद्र सिंह, फैजान प्रधान, ब्रह्मपाल, अंकित, सुनील त्यागी, मनोज प्रधान, सुनील चौहान, मुकीम, इरशाद, अमरदीप, अनुज चौहान, मनवीर चौहान, नितिन, रोहित, वसीम, सतीश, सागर, इरशाद, नौशाद, मुबारक अली, ताज मोहम्मद, इंसाफ अली, प्रदीप चौधरी, रिजवान, मयंक, हरीश, कमल कुमार, दिनेश, योगेश, तेजवीर सिंह, आकाश, प्रवीण शर्मा, दिनेश प्रजापति, पवन त्यागी, सुशील त्यागी, शोभाराम, सुमित त्यागी, सुमित गुर्जर, संजय, रफीक खान, पंकज चौधरी, बिल्लू त्यागी, देवेश चौहान, अनुज, केप्टन राजेश, राजेश, गजेंद्र त्यागी, बादल, कृष्ण पंडित, विकल नागर, बॉबी त्यागी, बबली चौहान आदि शामिल रहे। इस दौरान तहसील मुख्यालय में भाकियू का बेमियादी धरना तीसरे दिन भी जारी रहा। जिसमें मंडल प्रवक्ता दिनेश त्यागी और युवा मंडल अध्यक्ष जीते चौहान ने किसानों की समस्याओं का निराकरण और थानों समेत सरकारी कार्यालयों में चल रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने तक धरना जारी रखने का संकल्प दोहराया गया।
