डिजिटल अरैस्ट होने के बाद बाल बाल बचा निजी चिकित्सक

PU


● मुंबई का पुलिस अफसर बताने वाले ने कंपकंपी छुड़ा दी
● वीडियो कॉल न काटने का मिलता रहा निर्देश
● कार्रवाई न करने की एवज में कर दी लाखों की डिमांड

गढ़मुक्तेश्वर – कई घंटों तक डिजिटल अरेस्ट होने के बाद सूझबूझ के चलते निजी चिकित्सक लाखों की ठगी का शिकार होने से बाल बाल बच गया। तीन बार पालिका में सभासद रह चुके डॉ.शमशाद गढ़ के मुख्य बाजार में क्लीनिक चलाते हैं। बुधवार की दोपहर में उनके मोबाइल पर एक अंजान नंबर से वीडियो कॉल आई, जिसे रिसीव करते ही किसी बड़े पुलिस अफसर जैसी वर्दी पहने हुए व्यक्ति ने खुद को मुंबई पुलिस का अफसर बताकर उन्हें हडक़ाना और डराना शुरू कर दिया। डॉ.शमशाद को उनके आधार कार्ड से धोखाधड़ी होने के संबंध में मुंबई में एफआईआर दर्ज होने की बात कहते हुए मोबाइल में बैट्री की स्थिति जानते हुए किसी भी दशा में वीडियो कॉल न काटने की बार बार कड़ी हिदायत दी गई। डॉ.शमशाद ने जवाब दिया कि वे तो कभी मुंबई गए ही नहीं हैं तो उक्त वीडियो कॉल पर लाइव चल रहे उक्त व्यक्ति ने डराना और धमकाना शुरू कर दिया। संबंधित एफआईआर में कोई कार्रवाई न करने की एवज में दो लाख की रकम का अविलंब ऑनलाइन ट्रांजंक्शन करने की हिदायत दी गई। करीब दो घंटों तक डिजिटल अरैस्ट रहते हुए निजी चिकित्सक जैसे तैसे अपने एक परिचित अधिवक्ता के पास पहुंच गए। जहां वीडियो कॉल लगातार जारी चलने के बीच नजर बचाते हुए जैसे तैसे अधिवक्ता को पूरे घटनाक्रम से अवगत करा दिया। अधिवक्ता ने निजी चिकित्सक के हाथ से मोबाइल लेकर बात की तो खुद को मुंबई का पुलिस अफसर बताने वाला व्यक्ति बुरी तरह भडक़ गया और गाली गलौज करने लगा। कुल मिलाकर गढ़ का निजी चिकित्सक शमशाद दो घंटों तक डिजिटल अरैस्ट रहने के बाद ठगी का शिकार होने से बाल बाल बच गया। इंस्पेक्टर नीरज कुमार का कहना है कि अगर इस तरह से कोई भी अंजान व्यक्ति मोबाइल पर कॉल या वीडियो कॉल करते हुए कार्रवाई का भय दिखाता है, तो उससे पूरी तरह सावधान रहते हुए तत्काल पुलिस अथवा साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर 1930 पर सूचना कर दें।

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