
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका
हापुड़(सलमान खान) – उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ में वकालत जगत से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है। फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारी के आधार पर जिला शासकीय अधिवक्ता का पद हासिल करने वाले अधिवक्ता कृष्णकांत गुप्ता को बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वकालत से निष्कासित कर दिया है। इसके साथ ही उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।


वही अधिवक्ता सुशांत बंसल ने सोमवार को प्रेसवार्ता कर इस पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कृष्णकांत गुप्ता ने शासन और जिला प्रशासन के अधिकारियों को गुमराह कर जिला शासकीय अधिवक्ता का पद प्राप्त किया था। बंसल के अनुसार, उन्होंने इस अनियमितता की शिकायत शासन व न्याय विभाग के उच्च अधिकारियों से की थी। जांच के आदेश के बाद मामले को गंभीरता से लिया गया और जांच में कृष्णकांत गुप्ता दोषी पाए गए। 11 सितंबर 2023 को न्याय विभाग ने उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया। अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अनुशासन समिति ने कृष्णकांत गुप्ता को वकालत के लिए अयोग्य ठहराते हुए बार की सदस्यता से निष्कासित कर दिया। साथ ही उनके उपर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। अधिवक्ता सुशांत बंसल ने आरोप लगाया कि कृष्णकांत गुप्ता करीब 35 वर्षों से अपने पद और वकालत के प्रभाव का दुरुपयोग कर रहे थे। उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भ्रमित कर झूठे मुकदमे दर्ज कराए, निर्दोष लोगों को ब्लैकमेल किया और उनसे अवैध रूप से धन वसूली की।

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए हापुड़ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय कंसल और सचिव वीरेन्द्र सिंह सैनी ने संयुक्त बयान में कहा कि,“बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से अधिवक्ता कृष्णकांत गुप्ता के निष्कासन से जुड़ा कोई आधिकारिक पत्र बार एसोसिएशन को प्राप्त नहीं हुआ है। जब तक इस संबंध में औपचारिक सूचना नहीं मिलती, कोई टिप्पणी करना संभव नहीं है।”