डीएम के निर्देश बेअसर लेखपाल दो माह से मुआवजे की फाइल दबा कर बैठा किसान परेशान

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हापुड़— केंद्र व प्रदेश की सरकारों द्वारा किसानों को सम्मान देने के दावों की हवा निकाल रहे है तहसील में तैनात लेखपाल। जिसकी बानगी सदर तहसील में देखने को मिली जहां लेखपाल ने आधा दर्जन से अधिक किसानों की मुआवजे की फाइलों को दबाकर बैठा है। पीड़ित किसान न्याय के लिए स्थानीय अधिकारियों चक्कर लगा रहे है। हद तब हो रही जब जिले के ईमादर स्पष्ट नीति वाले डीएम अभिषेक पांडे ने जिले की सभी तहसीलों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को किसानों संबंधित समस्याओं को समय से निस्तारण के निर्देश दे रखे है। उसके बाद भी दबंग बेखौफ लेखपाल पिछले दो माह से पीड़ित किसानों का उत्पीड़न कर रहा है।

आपको बता दे कि 2011 में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा मेरठ—बुलंदशहर एक्सप्रेस—वे परियोजना के तहत मार्ग के चौड़ीकरण कार्य शुरू हुआ। जिसमें सड़क किनारे किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया। उक्त अधिग्रहण भूमि के मुआवजा को लेकर किसान गाजियाबाद से लेकर हापुड़ जिला प्रशासन के चक्कर लगा रहे है। गांव मुर्शदपुर के रहने वाले बारह किसानों में से सात किसान मौ मुस्तफा,मौ नाजिम,मौ जाकिर,मौ शाकिर,इफतकार अहमद,निसार अहमद,मुख्तार अहमद के मुआवजे की फाइल दो माह पूर्व गाजियाबाद अपर जिलाधिकारी भू—अर्जन के यहां से 02 मई 25 को एसडीएम कार्यालय आ गई थी। जिन्हें सत्यापन एवं हिस्सेकसी के लिए तहसील प्रशासन को भेज दिया। तहसीलदार ने उन्हें कार्यवाही के लिए लेखपाल अरुणवीर सिंह के पास भेज दिया। किसान मौ नाजिम ने बताया कि लेखपाल अरुणवीर सिंह पिछले करीब दो माह से कभी कागजों लाने एवं कभी समय नहीं होने का बहाना बनने के नाम पर उत्पीड़न कर रहा है। मौ. नाजिम कि लेखपाल अरुणवीर सिंह को बैनामा सहित गजट पत्र एवं वंशावली भी बनवाकर दे दी। जब पीड़ित किसानों ने लेखपाल अरुणवीर सिंह कि हमारे मुआवजे की फाइलों का क्या हुआ तो लेखपाल ने किसानों द्वारा दिए गए पेपर खोने बहाना बना दिया। पीड़ित किसानों को दोबारा पेपर लाने को कहां दोबारा पेपर देने के बाद भी लेखपाल कभी समय नहीं मिलने कभी डयूटी लगने का बहाना बनाकर दो माह से उत्पीड़न कर रहा है। वही सदर तहसीलदार स्वाती गुप्ता ने बताया कि उक्त प्रकरण उनकी जानकारी में नहीं है। मै लेखपाल से बात कर सभी किसानों की फाइलों को पूरी कर भिजवा दूंगी किसानों को किसी प्रकार समस्या एवं परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। उनकी प्राथमिकता है तहसील में तैनात सभी अधिकारी एवं कर्मचारी समय से किसानों एवं अन्य लोगों की समस्या का समय से समाधान करें।

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