
हापुड़ (विशेष संवाददाता) – जिले में शिक्षा की गुणवत्ता से अधिक उसकी कीमत ने अब आम आदमी के लिए चिंता का विषय बना लिया है। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और पुस्तक विक्रेताओं द्वारा किताबों की मनचाही कीमत वसूली जा रही है, जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है। आपको बता दे कि शैक्षणिक सत्र 2024-2025 की शुरुआत के साथ ही निजी स्कूलों और बुक सेलर्स ने कोर्स की कीमतों में बेहिसाब बढ़ोतरी कर दी है। कई अभिभावकों की शिकायतें मिलने के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. विनीता सिंह ने शुक्रवार को स्वर्ग आश्रम रोड स्थित गर्ग बुक डिपो और के एंड डी बुक एंटरप्राइजेज पर छापा मारा डॉ. विनीता सिंह ने खुद को अभिभावक बताते हुए दुकानों से कक्षा 5 और 6 की किताबों का कोर्स मांगा। जिसके जवाब में विक्रेताओं ने चार हजार से अधिक की कीमत बता दी। हैरानी की बात यह रही कि कक्षा 6 के लिए एनसीईआरटी की जगह निजी प्रकाशकों की आठ से अधिक किताबें थमा दी गईं। दुकानदारों का दावा था कि ये किताबें सिर्फ उन्हीं के पास उपलब्ध हैं। जांच के दौरान जब जिला विद्यालय निरीक्षक ने अपना परिचय दिया,तो दोनों बुक सेलर्स के हाथ-पांव फूल गए। उन्होंने बताया कि यह कार्यवाही किसी भी प्रकार की शैक्षणिक अनियमितता को बर्दाश्त न करने के इरादे से की गई है। दोनों संस्थानों को नोटिस जारी करते हुए दो दिनों में जवाब देने को कहा गया है।वही डॉ. विनीता सिंह ने सख्त लहजे में कहा — “अगर किताबों की कीमतों को लेकर पारदर्शिता नहीं बरती गई, तो संबंधित स्कूलों और विक्रेताओं पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।” जिले में इस कार्यवाही के बाद से बुक सेलर्स और स्कूल संचालकों में हड़कंप मच गया है, वहीं अभिभावकों ने प्रशासन की इस पहल की सराहना की है।