

धौलाना। पिलखुवा में मोनाड विश्वविद्यालय में गुरूवार को स्वयं एनपीटीईएल जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। इस एक दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी-2020 के तहत राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क के साथ शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के एकीकरण को समझाना था कार्यशाला का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति डॉ एनके सिंह,कुलपति डॉ मोहम्मद जावेद,उपकुलपति प्रो योगेश पाल सिंह,उपकुलपति डॉ जयदीप कुमार,उपकुलपति रोहित शर्मा एवं मुख्य वक्ता प्रो वैभव शर्मा द्वारा माँ सरस्वती के छायाचित्र पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया।विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मोहम्मद जावेद ने प्लांट सैपलिंग एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया।इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता ने स्वयं एनपीटीईएल पाठयक्रमों के लाभों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ये पाठ्यक्रम छात्रों के लिए सीखने की प्रक्रिया को अधिक सुगम, किफायती और सुलभ बनाते हैं। उन्होंने बताया कि स्वयं एनपीटीईएल प्लेटफॉर्म पर विभिन्न विषयों से संबंधित उच्च गुणवत्ता वाले ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं,जो छात्रों के शिक्षा के विकास और करियर उन्नति में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। इसके अलावा, उन्होंने अपार आईडी ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्टर) की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह ‘वन नेशन, वन आईडी थीम के तहत भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है।अपार आईडी छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से संग्रहीत और मानकीकृत करने में मदद करेगी,जिससे छात्रों को भविष्य में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में लाभ मिल सकेंगे।कार्यक्रम में मंच का सफल संचालन डॉ सुशील कुमार द्वारा किया गया।जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। कार्यशाला का सफल समन्वय अरविंद तिवारी द्वारा किया गया। प्रतिभागियों ने कार्यशाला को शिक्षाप्रद एवं उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे उन्हें नई शिक्षा नीति, डिजिटल अकादमिक प्रणाली, और ऑनलाइन शिक्षण संसाधनों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई।इस कार्यशाला मे शिक्षकों में डॉ महीप मिश्रा,डॉ शिल्पी सिंह, डॉ अमित चौधरी, डॉ सोमा दास,विकास कुमार त्यागी, डॉ शाइस्ता बेगम, स्वाति त्यागी, अमित कुमार चौधरी, चेतन्य गुप्ता, लोकेश कुमार एवं डॉ० विनीता शर्मा आदि के साथ बड़ी संख्या में छात्र भी मौजूद रहे।