डेंगू से बचाव को दिवाली तक विशेष सतर्कता की जरूरत : सीएमओ

डेंगू से बचाव के लिए हर नागरिक का जागरूक होना जरूरी है। अगर घर में या घर के आसपास कहीं पानी भरा हुआ है, तो यह डेंगू और मलेरिया के लिए आमंत्रण की तरह है। मौसम बदल रहा है, यह मौसम मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल है। जाहिर तौर पर यह मौसम वेक्टर (मच्छर- मक्खी) जनित रोगों के लिए संवेदनशील है। खासकर दिवाली तक वेक्टर जनित रोगों के प्रति विशेष सतर्कता की जरूरत है, उसके बाद तापमान कम होने से मच्छर मर जाएंगे। यह बातें बृहस्पतिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने कहीं। उन्होंने कहा बुखार होने पर नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक से परामर्श लें। डेंगू के लिए जिला स्तर पर दस्तोई रोड स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय में 50 बेड आरक्षित हैं, इसके साथ ही सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी 10-10 बेड की व्यवस्था है।   
सीएमओ डा. त्यागी ने कहा विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत मलेरिया विभाग की टीम मच्छर जन्य परिस्थितियां नष्ट करने में लगी हैं, इसके साथ ही दस्तक टीम घर-घर दस्तक देकर जुकाम, खांसी और बुखार के रोगियों को चिन्हित कर रही हैं। उन्होंने जनपद वासियों से अपील की है कि दस्तक टीम को सही जानकारी देकर स्वास्थ्य विभाग के कार्य में सहयोग करें। इससे आप खुद भी स्वस्थ रहेंगे और आपके अपने भी। दस्तक टीम को बुखार के अलावा कुष्ठ रोगियों, टीबी रोगियों और कुपोषित बच्चों को भी चिन्हित करने की जिम्मेदारी दी गई है। 
सीएमओ ने बताया टीबी और कुष्ठ रोग के लक्षणों के बारे में दस्तक टीम पूछेंगी तो उन्हें सही जानकारी दें। दो सप्ताह से अधिक खांसी, खांसी में खून या बलगम आना, सीने में दर्द, शाम के समय बुखार आना, रात में सोते समय पसीना आना, थकान रहना और वजन कम होना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इसके साथ शरीर में सुन्नपन और त्वचा भूरे रंग के दाग कुष्ठ रोग के लक्षण हो सकते हैं। डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सतर्कता की जरूरत है, क्योंकि बच्चों और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।  
जिला मलेरिया अधिकारी सतेंद्र कुमार ने बताया मच्छरों से बचाव के लिए घर के अंदर एसी और फ्रिज की ट्रे के साथ ही फूलदानों आदि में पानी बदलते रहें। डेंगू के लिए जिम्मेदारी एडीज मच्छर रुके हुए साफ पानी में ही पैदा होता है और केवल दिन के समय काटता है। घर के आसपास नाली आदि में पानी जमा न होने दें। गंदे पानी का जमाव मलेरिया के लिए जिम्मेदार मादा एनाफिलीज मच्छर को खुला न्योता है। मच्छरों से बचाव के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें और रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।