


हापुड़: पिलखुवा क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों के खिलाफ हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण ने हाल ही में कुछ कार्रवाई की है, जो आरटीआई कार्यकर्ता रामभरोसे तोमर द्वारा की गई शिकायत के बाद सामने आई है। उनके शिकायती पत्र के आधार पर प्राधिकरण के अधिकारियों ने अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए थे, जिससे अवैध निर्माण करने वाले क्षेत्रों में हड़कंप मच गया है। आपको बता दे कि आरटीआई कार्यकर्ता रामभरोसे तोमर ने पिलखुवा स्थित जवाहर मार्केट के पास किए गए अवैध निर्माणों के खिलाफ शिकायत की थी। उन्होंने मदन गोपाल शर्मा, मनोज कुमार और अमृत लाल गुप्ता के खिलाफ भी शिकायत की थी। इसके बाद प्राधिकरण के अधिकारियों ने इन सभी निर्माणों पर सीलिंग आदेश जारी कर दिए हैं और कब्जाधारियों को कब्जा हटाने के लिए पत्र भी भेजे हैं। इसके अलावा, पंकज गोयल और उस्मान तोमर के अवैध निर्माणों के खिलाफ भी आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन इन मामलों में कुछ कानूनी अड़चनें आ रही हैं, क्योंकि कुछ मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। प्राधिकरण कार्रवाई में देरी पर सवाल हालांकि, कार्यवाही को लेकर प्राधिकरण के अधिकारियों से कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। क्षेत्र में अवैध निर्माणों की जानकारी पहले क्यों नहीं ली गई? सूत्रों के अनुसार, इन निर्माणों के खिलाफ कई माह से कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया था। आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत के बाद ही प्राधिकरण के अधिकारियों की नींद टूटी। इससे यह सवाल उठता है कि क्या यह कार्रवाई किसी मजबूरी या निजी स्वार्थ के चलते नही की गई? क्षेत्र में लंबे समय से अवैध निर्माण हो रहे थे, फिर भी प्राधिकरण के अधिकारियों ने क्यों कोई कदम नहीं उठाया। इन सवालों ने प्राधिकरण की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। वही अधिकारियों का कहना है कि अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने एवं कार्यवाही के लिए स्थानीय मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की आवश्यकता पड़ती है, जिससे प्रक्रिया में समय लगता है। इसके बावजूद, प्राधिकरण का स्पष्ट निर्देश है कि यदि किसी भी क्षेत्र में अवैध निर्माण होते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।