हापुड़। अखिल भारतीय साहित्य संघ के तत्वावधान में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल एवं अशफाक उल्ला खान की शहादत के पूर्व दिवस पर यहां दोयमी रोड स्थित उच्च प्राथमिक कंपोजिट विद्यालय में प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय महासंघ के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ,साहित्यकारों एवं कवियों ने काव्य के माध्यम से देश के शहीदों एवं महानायकों के बारे में बच्चों को बताया।
इससे पूर्व स्कूल के प्रधानाचार्य श्री दिलशाद जी ने सभी साहित्यकारों को पटका,माला,एवं पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मानित किया। मंच का संचालन करते हुए संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा अनिल बाजपेई ने पढ़ा ” गंध मकरंद लेके चलती समीर यहां कल कल गंगा के निनाद वाला देश है,प्रेम गीत गूंजते हैं सागरो में मंदिरों में ,बिस्मिल और अशफाक वाला देश है, झूल गए फांसियों पे हंस हंस झूम झूम,सुखदेव और राजगुरु वाला देश है,गोली मारी कनपटी पर गाते वंदे मातरम शेर ए दिल शेखर आजाद वाला देश है।
गाजियाबाद से पधारे कवि वैभव शर्मा ने पढ़ा ——-
जब जब भारत की धरती पर आक्रांताओं का तंत्र हुआ,
नवयुवको के प्राणों से भारत फिर स्वतंत्र हुआ!!
बुलन्दशहर से पधारे डॉक्टर आलोक बेजान की यह पंक्तियां विशेष रूप से सराही गईं “गर्मी में कट गई कभी, जाड़े में कट गई !
ये देह थी किराए की , भाड़े में कट गई !!
हमने तो रोज़ सांस की गिनती गिनी मगर ,
ये ज़िन्दगी तो सिर्फ़ , पहाड़े में कट गई !!पिलखुवा से पधारे कवि डा.सतीश वर्धन ने पढ़ा कि तुम विधा तो बनी पर कहानी नही। तुम हवा तो बनी पर सुहानी नही।। अब तो मैं ही नही सारा जग ये कहे।प्रेयसी तुम बनी पर दिवानी नही।। सामाजिक विद्रूपता पर प्रहार करते हुए लक्ष्मण यति ने पढ़ा” बिल्ली हमको सिखा रही हिंसा करना पाप है, क्षण भर बाद लगा पता वह चूहा ही साफ है” इस अवसर पर तन्वी,निशांत,निधि,नीरू,छवि,करणशर्मा,मानसी को विशेष प्रतिभा के लिए सम्मानित किया गया। स्कूल के प्रधानाचार्य श्री दिलशाद अली ने सभी साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया। लवलेश,रानी चहल,मीनू वर्मा,रश्मि मित्तल उपस्थित रहे।
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