

● सीडीटीआई गाजियाबाद में 78वें बैच के आईआरएस अधिकारियों को दिया जाएगा विशेष प्रशिक्षण
गाजियाबाद। केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान (सीडीटीआई) में 78वें बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारियों के लिए राष्ट्रीय एवं आंतरिक सुरक्षा पर दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 11 से 12 मार्च 2025 तक चलेगा, जिसमें कुल 144 प्रशिक्षु अधिकारी भाग ले रहे हैं। इस कार्यक्रम का उद्घाटन सीडीटीआई गाजियाबाद के निदेशक डॉ. सचिन गुप्ता, आईपीएस और पाठ्यक्रम निदेशक श्री अंकुर आले, आईआरएस द्वारा किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में सहायक पाठ्यक्रम निदेशक सुश्री श्रुति फोगाट, उप पुलिस अधीक्षक एवं पाठ्यक्रम समन्वयक श्री ओ.पी. शर्मा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। राष्ट्रीय सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर होगा मंथन यह व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण को स्पष्ट करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। इसमें आंतरिक और बाहरी सुरक्षा चुनौतियाँ, डिजिटल वित्तीय जोखिम और प्रौद्योगिकी तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के आपसी संबंधों जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही, इन चुनौतियों से निपटने में भारतीय राजस्व सेवा अधिकारियों की भूमिका पर भी विशेष जोर दिया जाएगा। सीडीटीआई गाजियाबाद द्वारा इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध सुरक्षा विशेषज्ञों और प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों को आमंत्रित किया गया है, जो व्याख्यान और इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से प्रशिक्षु अधिकारियों को अपने अनुभव और विशेषज्ञता साझा करेंगे।भारतीय राजस्व सेवा की भूमिका महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। कर प्रणाली, वित्तीय लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के साथ-साथ, राजस्व खुफिया एजेंसियों का राष्ट्रीय सुरक्षा से सीधा संबंध है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिकारियों को इन सभी पहलुओं की बारीकियों से अवगत कराएगा। विशेषज्ञों से सीखने का सुनहरा अवसर इस प्रशिक्षण में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों के अलावा, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, पुलिस एवं खुफिया एजेंसियों के अनुभवी अधिकारी भी हिस्सा लेंगे, जो अपने अनुभव और ज्ञान को प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ साझा करेंगे। इस अवसर पर सीडीटीआई गाजियाबाद के निदेशक डॉ. सचिन गुप्ता ने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जागरूकता और तकनीकी कौशल विकसित करना आज के समय की जरूरत है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम हमारे अधिकारियों को इन चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक ज्ञान और अनुभव प्रदान करेगा।”