गाज़ियाबाद। कमिश्नर अनिता सी. मेश्राम के निर्देश पर विकास भवन में संचालित इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रुम का बुधवार को मेरठ से आई टीम ने निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए बनाए गए र्सविलांस सिस्टम की सराहना की। साथ ही थानेवार की जा रही सर्विलांस ने टीम को प्रभावित किया।
मेरठ से आई टीम में मेरठ की मुख्य विकास अधिकारी ईशा दुहन, डिवीजनल सर्विलांस ऑफिसर डॉ अशोक तालियान और स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान के प्रिंसीपल आदि शामिल थे। इस मौके पर सीडीओ गाजियाबाद अस्मिता लाल और कोविड-19 के लिए शासन से जनपद में नियुक्त नोडल अधिकारी डा. राकेश के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद रहे। सीडीओ अस्मिता लाल ने मेरठ से आई टीम को कंट्रोल रूम के कार्यशैली के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम में स्वास्थ्य विभाग के 70 कर्मचारी और डाक्टरों समेत कुल सौ कर्मचारी जोड़े गए हैं। जो कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट से कंट्रोल रूम को अवगत कराती है। कंट्रोल रूम से एक टीम पॉजिटिव के घर की विजिट करती है। होम आइसोलेशन में रहने की इच्छा जाहिर किए जाने पर टीम इस बात का जायजा लेती है कि संबंधित के घर में होम आइसोलेशन के लिए पर्याप्त जगह और व्यवस्था है कि नहीं। घर में कोई बुजुर्ग, बच्चा या बीमार तो नहीं है। उसके बाद होम आइसोलेशन देने का निर्णय लिया जाता है। होम आइसोलेशन में जरूरी दवाएं उपलब्ध कराने के लिए ही परिवार की काउंसलिंग की जाती है और यह बताया जाता है कि क्या करें और क्या न करें। इसके साथ ही पॉजिटिव के संपर्क ट्रेस करने का काम भी कंट्रोल रूम से शुरू करा दिया जाता है। होम आइसोलेशन में रहने वालों को रोजाना अपनी रिपोर्ट तो कंट्रोल रूम को भेजनी ही होती है इसके अलावा कंट्रोल रूम से भी फोन करके फालोअप किया जाता है।