बागू वार्ड नंबर 1 में लोगों ने प्रकृति से जुड़ने का एक नया तरीका खोजा जिसके तहत लोग अपने घरों से पौधों की विदाई कर भीम पार्क में लगाने का सराहनीय कार्य कर रहें है जिस प्रकार 5 जून 2023 पर्यावरण दिवस के मौके पर लोगों ने भीम पार्क बागू वार्ड नंबर 1 में पौधे लगाकर अपना योगदान दिया उसी को आगे बढ़ाते हुए 12 जून 2023 को फिर से लोगों ने अपने घरों से पौधों की विदाई की और खुशी-खुशी से पार्क में लगवाया
यह” पे टू अर्थ कैंपेन ” के तहत पृथ्वी को पे करने का एक अच्छा तरीका है जिसके लिए हर जगह से लोगों की हौसला अफजाई की जा रही है ।
लोगों का यह सराहनीय कार्य चिपको आंदोलन की याद दिलाता है, जिसमें महिलाओं ने सुंदरलाल बहुगुणा जी के नेतृत्व 1973 में उत्तराखंड में पेड़ों को लिपटकर बचाया था।
इस “पे टू अर्थ कैंपेन” के चलते आज बागू वार्ड नंबर 1 के लोगों ने जुलाई के पहले सप्ताह में शुरू होने वाले वन महोत्सव की तैयारी कर ली है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे पर्यावरण का ध्यान रखें व ऐसे पौधे जो बड़े हैं और गमलों में रखे हुए हैं को पार्क में लाकर अवश्य लगाएं।
जैसा कि संविधान के भाग 4 में दिए गए मौलिक कर्तव्यों में अनुच्छेद 51 क में लिखा है कि भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह प्राकृतिक पर्यावरण की जिसके अंतर्गत वन झील नदी और वन्यजीव हैं रक्षा करें और उसका संवर्धन करें साथ ही संविधान के भाग 3 मे दिए गए मौलिक अधिकारों में अनुच्छेद 21 स्वच्छ पर्यावरण में रहने का अधिकार प्रदान करता है यह नहीं संविधान के भाग 4 में उल्लेखित राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में अनुच्छेद 48 भी राज्य को पर्यावरण का संरक्षण , संवर्धन और वन तथा वन्यजीवों की रक्षा करने को बाध्य करता है साथ ही संविधान की अनुसूची 12 में दिए गए नगरपालिका के 18 क्रियाशील विषयों में विषय 8 जो कि पर्यावरण संरक्षण वह विषय 12 पार्क ,उद्यान और खेल के मैदानों का विवरण दिया गया है हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री द्वारा ‘इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021’ जारी की गई है। इसे भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) द्वारा तैयार किया जाता है यह देश के वन और वृक्ष संसाधनों के आकलन में अनिवार्य रिपोर्ट है।इस रिपोर्ट को सर्वप्रथम 1987 में आरम्भ किया गया था। 2021 की रिपोर्ट इस श्रृंखला की 17वीं रिपोर्ट है।
वन तथा वृक्ष आवरण: रिपोर्ट के अनुसार, भारत का कुल वन और वृक्ष आच्छादन अब 80.9 मिलियन हेक्टेयर हो चुका है , जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 24.62 % है।
2019 की रिपोर्ट की तुलना में देश में कुल वृक्ष और वन आवरण में वृद्धि हुई है। जहाँ वन क्षेत्र में कुल वृद्धि 1,540 वर्ग किलोमीटर हुई हैं वहीँ वृक्ष आच्छादन में 721 वर्ग किमी वृद्धि हुई है।
वन क्षेत्र में वृद्धि के मामले में शीर्ष पांच राज्य आंध्र प्रदेश (647 वर्ग किमी), तेलंगाना (632 वर्ग किमी), ओडिशा (537 वर्ग किमी), कर्नाटक (155 वर्ग किमी) और झारखंड (110 वर्ग किमी) हैं।वन आवरण में वृद्धि के लिए बेहतर संरक्षण उपायों, वनीकरण गतिविधि, वृक्षारोपण अभियान और कृषि वानिकी मुख्य रूप से उत्तरदायी हैं।
क्षेत्रफल के आधार पर, देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र मध्य प्रदेश राज्य में है। इसके उपरान्त अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र का स्थान हैं।